सरकारी मेकअप मलिए जनाब, सरकार जो आ रहे है !

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विकास वाजपेयी
ऐसा कहा जाता है कि महिलाएं जब मेकअप करती है तो उसके पीछे सुंदर दिखना सबसे बड़ी चाहत होती है। लेकिन यदि सरकारी विभाग मेकअप का सहारा ले तो इसके पीछे कोई बड़ा राज होता है या फिर कहें तो दाल में कुछ काला ढूंढने का समय है। अब बात ही लीजिए कानपुर के गंगा किनारे बसी बस्तियों की या फिर आनन फानन में कानपुर की गंदगी के ऊपर लगे स्मार्ट सिटी के बोर्ड की इन सब कवायदों के पीछे शहर के अधिकारियों का मेकअप के लिए रंग रोगन करना समझ मे आता है ।
कारण भी है । जानकारी के मुताबिक कानपुर में 15 नवम्बर को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन का प्रोग्राम है और उसके पहले लोगों के अच्छे दिन आ चुके है इसका अहसास दिलाने के लिए अधिकारी शहर की तकलीफों पर स्मार्ट सिटी का पैबंद लगाने के लिए आजकल चमचमाते ऑफिस के बाहर निकल आये है। अब एक नए काम की बारी है जिसमे गंगा किनारे बसी अवैध बस्तियों को हटाया जाएगा। इस कड़ी में अधिकारियों की टीम गंगा घाटों, गंगा में गिरने वाले नालों और उसके किनारे जमा गंदगी को लेकर काफी संजीदगी बरत रहे हैं। इस दौरान आनन फानन में जल निगम के अधिकारियों की भी चूड़ी टाइट किया गया तो उसने भी अस्वासन दे दिया कि आठ नवंबर तक गंगा में गिरने वाले नालों को टैप किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा को माँ की संज्ञा से नवाजतें है तो कही गंगा से जुड़ी एक भी शिकायत अधिकारियों की कुर्सी न हिला दे। ऐसा माना भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री गंगा का निरीक्षण भी कर सकते है इसलिए सबकुछ प्लान के मुताबिक रहे इस पर ज्यादा जोर है । ऐसा बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को गंगा में गिरने वाले नालों के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी जिसको समझते हुए एन एम सी जी जानकारी एकत्र की थी और इसका वीडियों भी बनाया था। जिसके बाद यदि गंगा में गिरने वाले नालों को समय पर रोका नहीं गया तो ये मामला प्रधानमंत्री को नाराज़ कर सकता है।उसके बाद तो जैसा चलता है वैसा न चेले तो लोगों का शासन प्रशासन से भरोषा उठ जाएगा। क्योंकि ये लगभग हम सब का मानना है कि जब किसी वर्षों से खस्ता हाल सड़क और व्यवस्था का रातों रात मरम्मत और सुधार होने लगे तो मान लेना चाहिए कि किसी सरकारी नेता का दौरा लगा है। कुछ ऐसा ही हाल इस वक़्त शहर का जिसमे कूड़ा उठाने से ज्यादा कूड़े को छुपाना है । सफाई न भी हो तो क्या दिखनी चाहिए। शहर इस समय डेंगू के प्रकोप से बीमारी से महामारी की चपेट में आ चुका है और इससे निजात दिलाने के लिए अधिकारियों के मीटिंग का दौर जारी है। नियमित फॉगिंग के आदेश जारी कर दिए गए है । अब बस शहर के अधिकारियों का ये पूरा प्रयास है कि सरकार की नाराजगी से खुद को सुरक्षति रखा जाए।