सड़कें हैं या जुता-खुदा खेत

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याद आया अटल बिहारी वाजपेयी का जुमला

निशंक न्यूज

कानपुर। यूपी में सड़कों की दुर्दशा पर एक बार अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि ‘समझ नहीं आता कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क’। अटल बिहारी वाजपेयी अब नहीं हैं, लेकिन यूपी में भाजपा की सरकार तो है। तब अपने पूज्य नेता का यह जुमला सरकार को याद क्यों नहीं आता। कानपुर की ही बात करें तो यहां की कई सड़कें अब भी अभी खस्ताहाल हैं। बड़ा सवाल है कि क्या यह सरकार इनका तारणहार बनकर अटल बिहारी की उस व्यथा, जो अब जनता का दुख है, उसका हरण करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों की मरम्मत के आदेश जरूर दिए हैं।

निशंक न्यूज की टीम ने शहर की कई उन सड़कों की दशा देखी जिन्होंने अपना आकार खो दिया है। कुछ सड़कें तो जुते-खुदे खेतों की तरह नजर आ रही हैं। बारिश के दौरान तो गड्ढों में तब्दील इन सड़कों ने न जाने कितने जख्म दिए हैं। गीता नगर हरी हास्टल से क्रासिंग मार्ग, आवास विकास शनैश्वर चौराहा से मसवानपुर मार्ग पर चलना मुश्किल काम है। आवास विकास निवासी राजू खान ने शनैश्वर मंदिर के पास से मसवानपुर चौराहा की सड़क की दुर्दशा बताते हुए कहा कि कई लोग यहां गिरकर जख्मी हो चुके हैं। पनकी, नौबस्ता, मालगोदाम रोड, कोपरगंज रोड, आर्यनगर, स्वरूपनगर, एक्सप्रेस रोड, कल्याणपुर सहित न जाने कितनी सड़कें हैं जो अपनी मजबूरी का इंतजार कर रही हैं। हां, यह जरूर है कि कुछ सड़कों पर पैचवर्क कर मरहम जरूर लगाया गया है, लेकिन यह भी पुख्ता नहीं हैं। कहीं कचरा, कहीं मिट्टी, कहीं मलवा डाल कर गड्ढे ढके गए हैं। कुछ जगहों पर तो मलवा डाल कर उसे समतल नहीं किया गया। तर्क दे दिया कि वाहन खुद इसे समतल कर देंगे।

पिछले दिनों नगर निगम, पीडब्लूडी और संबंधित विभागों की बैठक में सड़कों पर बात हुई। 96 सड़कें बननी हैं। दरअसल इसमें भी देर हो गई। सड़क बनाने के लिए एक उचित तापमान की जरूरत होती है और तभी वह टिकाऊ रह सकती है। इसके लिए 16 डिग्रीसेल्सिय से ज्यादा तापमान जरूरी है पर अब सर्दी ने दस्तक दे दी है। तापमान 16 तक आ गया है। अब सड़कें बनने में दिक्कत आ सकती है। पैचवर्क कामचलाऊ है। कुछ दिन बाद फिर उधड़ जाता है। उड़ती धूल प्रदूषण बढ़ाती और उछलते कंकर-पत्थर किसी को भी जख्मी कर सकते हैं। अब तो उचित तापमान का इंतजार करना पड़ेगा। जिम्मेदार विभागों ने समय पर ध्यान दिया होता तो शहरी हर सड़क पर फर्राटा भर रहे होते।