रंगे हाथ पकड़ा गया घूसखोल लेखपाल
कानपुर देहात के हसनापुर में थी लेखपाल की तैनाती
काम करने के बदले ग्रामीण से मांगे थे दस हजार रुपये
एण्टी करप्सन टीम ने काफी समय बाद की कार्रवाई
वेद गुप्ता
निशंक न्यूज
कानपुर से जुड़े कानपुर देहात जनपद का एक लेखपाल लंबे समय से ग्रामीणों को परेशान किये था। आरोप था कि वह हर सरकारी योजना में सत्यापन के नाम पर पैसा मांगता था। शिकायतें तमाम थीं लेकिन एक ग्रामीण ने आगे आकर शिकायत करने की हिम्मत जुटाई। इस साहसी ग्रामीण की शिकायत पर शुक्रवार को एण्टी करप्शन टीम ने शुक्रवार को इस घूसखोर लेखपाल के रिश्वत लेते रंगे हांथ गिरफ्तार कर लिया। कई प्रभावशाली इस लेखपाल को छुड़ाने के प्रयास में लगे थे और पुलिस इस घूसखोर को लेकर रूरा थाने चली गई थी ताकि इस घूसखोर के सलाखों के पीछे किया जा सके।
एऩ्टी करप्शन विभाग से जुड़े सूत्रों की मानी जाए तो कानपुर देहात के रूरा में मंडी समिति के पास स्थित गैजूमऊ का मजरा हीरानगर में रहने वाले हरिशचंद्र की मां माया देवी ने करीब दो साल पहले अकबरपुर तहसील के हसनापुर गांव में डेढ़ बीघा जमीन खरीदी थी। इस पर ठकुरन गढ़ेवा की एक महिला का कब्जा था। इस कारण जमीन पर उसे कब्जा नहीं मिला तो हरिश्चंद्र ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की लेकिन समस्या हल नहीं हुई तो उसने हसनापुर क्षेत्र के लेखपाल अजीत कुमार से संपर्क किया। आरोप है कि लेखपाल ने कब्जा दिलाने के नाम पर दस हजार रुपये मांगे। पैसे की सौदेबाजी से परेशान होकर हरिश्चंद्र ने एंटी करप्शन कानपुर में शिकायत की। शिकायत की सत्यता की अपने स्तर पर पड़ताल कराने के बाद शुक्रवार को एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर शंभूनाथ तिवारी ने अपनी टीम के साथ जाल बिछाया। हरिश्चंद्र को पाउडर लगे दस हजार रुपये देकर शास्त्री नगर में लेखपाल के कमरे पर भेजा। इस शिकायत से अन्जान लेखपाल ने जैसे ही हरिश्चंद्र से 10 हजार रुपये लिए एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। इसके बाद टीम लेखपाल को रूरा थाने ले गई।र टीम की अगुवाई कर रहे श्री तिवारी ने बताया कि लेखपाल अजीत कुमार के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत थी। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है। �P:�z