यूपी के दो शहरों में अब पुलिस कमिश्नरी प्रणाली

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योगी बोले- 50 सालों में राजनीतिक इच्छाशक्ति को नजरअंदाज किया गया

लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में अब तैनात होंगे पुलिस कमिश्नर, महिलाओं से जुड़े मामलों के लिए महिला अफसर की होगी तैनाती

मायावती शासन में भी उठी थी पुलिस कमिश्नर प्रणाली की मांग पर आईएएस लॉबी ने लागू होने नहीं दिया

निशंक न्यूज।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पहली बार लखनऊ व गौतमबुद्धनगर (नोएडा/ग्रेटर नोएडा) में अब पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी पुलिस कमिश्नर होंगे। इस सिस्टम में दो जॉइंट पुलिस कमिश्नर होंगे। एक कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर देखेंगे जबकि दूसरा पुलिस मुख्यालय का कामकाज देखेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित कैबिनेट में सरकार ने पुलिस कमिश्नरी प्रणाली को मंजूरी दी है। मायावती सरकार में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मांग उठी थी, तब ताकतवर आईएएस लॉबी ने इसे मूर्तरूप नहीं होने दिया।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- पुलिस सुधार के लिए विशेषज्ञों ने समय समय पर प्रस्ताव व सुझाव दिए, जिस पर समयबद्ध ढंग से कार्रवाई न होने से न्याय पालिका हमेश सरकारों को कटघरे में खड़ा करती थी। यूपी जैसे बड़े राज्य में इस बात को महसूस किया जा रहा था कि, पुलिस आयुक्त प्रणाली यहां भी लागू होना चाहिए। लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति जो दिखनी चाहिए थी, उसे नजरअंदाज किया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए आज दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्मार्ट पुलिसिंग, कानून व्यवस्था की सुदृढ़ता व सुरक्षा के लिए बीते 50 सालों से उत्तर प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग हो रही थी। कैबिनेट ने अभी लखनऊ व गौतमबुद्धनगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा) में लागू करने का प्रस्ताव पास किया है।

सीएम ने कहा- महिला अफसरों की होगी तैनाती

सीएम ने कहा- 2011 की जनगणना के अनुसार लखनऊ की आबादी 40 लाख है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा को मिलाकर वर्तमान में वहां 25 लाख की आबादी निवास कर रही है। इस आयुक्त प्रणाली में लखनऊ शहर, जो पिछले कैबिनेट में नगर निगम के विस्तार के बाद इसका दायरा आगे बढ़ा है। यहां 38 थाने थे, दो हमनें बढ़ाए हैं। यहां पर पुलिस आयुक्त, एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर का अफसर काम करेगा। उनके साथ दो जॉइंट पुलिस कमिश्नर, जो आईजी रेंज के होंगे। एक लॉ एंड ऑर्डर व एक पुलिस मुख्यालय का काम काज संभालेगा। एसपी रैंक के नौ अफसरों की तैनाती होगी। महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिलाओं से जुड़े अपराधों पर अंकुश लगाने काम करेगी। एडिशनल एसपी रैंक की महिला अधिकारी की भी तैनाती होगी। यातायात पुलिस एसपी व एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी की तैनाती होगी। निर्भया फंड के अंतर्गत सीसीटीवी कैमरे, ट्रैफिक लाइटिंग के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करते हुए यह सिस्टम आगे बढ़ाया है।

गौतमबुद्धनगर में बढ़ेंगे थाने, यह होगी व्यवस्था

सीएम ने कहा- गौतमबुद्धनगर आर्थिक राजधानी की दृष्टि आगे से बढ़ रहा है। एडीजी स्तर के अलावा यहां डीआईजी स्तर के दो अधिकारी, पांच एसपी रैंक के अधिकारी उनके साथ रहेंगे। एक अधिकारी महिला तैनात होगी, जो महिलाओं से जुड़े मामले देखेगी। एक पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी यातायात को संभालेगा। वहां पर पुलिस आयुक्त प्रणाली में कुछ नए थाने बनाने की आवश्यकता होगी। दो नए थाने तत्काल प्रभाव से बनाए जा रहे हैं। पुलिस कमिश्नर के पास कुछ मैजिस्ट्रेटियल पॉवर दिए जाते हैं। 15 अधिकार भी मिल रहे हैं। पुलिस आयुक्त संबंधित अधिकारी को अपना पॉवर डेलीगेट करेंगे। 23 करोड़ जनता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। यूपी में कानून व्यवस्था के लिए जो कदम उठाने पड़ेंगे, उसमें सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी।

क्या है पुलिस आयुक्त प्रणाली?

भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 व दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में पुलिस आयुक्त प्रणाली का जिक्र है। जिन शहरों की आबादी 10 लाख से अधिक है, वहां पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की जा सकती है। इससे सीआरपीसी की मजिस्ट्रियल पॉवर वाली जो कार्रवाई अब तक जिला प्रशासन प्रशासन के अफसरों के पास थे, वह सभी मैजिस्ट्रेटियल पावर पुलिस कमिश्नर को मिल जाएंगे। यानी सीआरपीसी में 107-16, धारा 144, 109, 110, 145 के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पुलिस को मिल जाएंगी।