विकास वाजपेयी
सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन कानपुर देहात के अमरौधा चौकी के पीछे बनी झोपड़ी के अंदर का ये नज़ारा देख कर पुलिस व्यवस्था को भी पसीना आना लाजमी है।
कानपुर देहात की अमरौधा चौकी के पीछे एक झोपड़ी बनी हुई थी जिसमे आसपास के जानेमाने जुआड़ी बेखौफ़ होकर इस असामाजिक और गैर कानूनी काम को अंजाम तक पहुचाते थे। इस बात की किसी को भी जरा सी भी फिक्र नहीं थी कि आगे मौजूद पुलिस चौकी में तैनात सिपाही या उनके अधिकारी उनकी इस हरकत पर उनको गिरफ्तार करके जेल भी भेज सकते है। इस खुदमुख्तारी के पीछे भी एक वजह थी क्योंकि जब ‘सैंया भये कोतवाल तो फिर डर काहे का’ का मामला हो तो डर किस बात का। जुआड़ियों के सरगना इसी पुलिस चौकी की मदद से इस नापाक गैर कानूनी हरकत को अमली जामा पहना रहे थे।

पुलिस की जुआड़ियों के साथ कि इस मिली भगत की सूचना भी कोई ऊपर तक पहुचाने वाला नहीं था। लेकिन जब मामला हद से ऊपर निकल गया तो क्षेत्र के गई कुछ लोगों ने पुलिस अधिकारियों को इस बारे में सूचना दी और फिर क्या था अधिकारियों का आदेश पा कर स्पेसल पुलिस की टीम ने पहले मामले की छानबीन की और जिले के कप्तान को चौकी इंचार्ज और पुलिस कर्मियों के बारे में पूरी जानकारी दी।
जिले के कप्तान और पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने मय फोर्स के साथ अमरौधा चौकी की जानकारी की और चौकी इंचार्ज महोदय को निलंबित कर के इस पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक पुलिस की टीम में जिले के एक क्षेत्राधिकारी ने चौकी के पीछे चल रहे जुआ खाने को रंगे हाथ पकड़ा था। यही नही इस मामले में क्षेत्राधिकारी ने मौके से 11 जुआरियों को भी गिरफ्तार किया था। हालांकि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अमरौधा चौकी के प्रभारी रूपेश सोनकर को तत्काल निलंबित करते हुए राकेश कुमार सिंह को अमरौधा का चौकी प्रभारी नियुक्त किया गया है।