यहाँ ढोल में पोल साबित हो रहा है स्वास्थ्य विभाग!

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विकास वाजपेयी
एक बीमारी कैसे महामारी का रूप ले सकती है इसका जीता जागता उदाहरण है कानपुर के प्रशासन और स्वस्थ विभाग। शहर में डेंगू के मच्छरों ने सभी काबिल विभागों की पोल खोल कर रख दी है। हालांकि जब हर तरफ से डेंगू के मरीजो की चीख पुकार मच गई तो अब प्रशासन की कानों में जू रेंगता दिखाई दिया है। इसी संबंध में कानपुर शहर के जिला अधिकारी विजय विश्वास पंत ने अब लोगों से रक्तदान करने की अपील की है वहीं संबंधित अधिकारियों और विभागों को इस महामारी से निपटने के सख्त निर्देश भी जारी किए है।
शहर में कुछ आंकड़ो के अनुसार दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत का कारण डेंगू की बीमारी बताई गई है। हालांकि मीडिया और कई गैर सरकारी संस्थाओं ने इस बावत पहले भी प्रशासन और स्वस्थ विभागों को जिम्मेदारी से मोर्चा लेने की सलाह दी थी जिसकी काफी समय से अनदेखी होती रही है। फॉगिंग और सफाई का काम केवल दिखावे तक ही सीमित रहा है। जिसने डेंगू के मच्छरों को शहर में पैर पसारने के लिए स्वर्ग का माहौल दिया है। सभी जिम्मेदार विभाग इस बीमारी के महामारी बनने तक एक दूसरे के ऊपर दोषारोपण ही करते नजर आए है।

शहर में हालात अब बद से बदतर नजर आने लगे है। मरीजों की संख्या में रोज इजाफा हो रहा है लेकिन सीमित संसाधनों के चलते अस्पतालों में अब और ज्यादा मरीजों को रख पाने की क्षमता पर भी सवाल उठने शुरू हो गए है।
डेंगू के मरीजो को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी ब्लड प्लेट्लेट्स काउंट पर भी संकट के बादल नजर आने लगे है। हैलेट के सरकारी ब्लड बैंक में सूत्रों के मुताबिक प्लेट्लेट्स की कमी हो गयी है। जिसपर अब प्रशासन ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करने की अपील की है। कानपुर में तेजी से महामारी का रूप ले चुकी इस बीमारी की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने अब स्वयं मोर्चा अपने हाथों में लिया है। इस बावत बुलाई गई एक मीटिंग में शहर के जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए साफ सफाई और कूड़ा निस्तारण के साथ डेंगू के प्रकोप को खत्म करने के लिए फोगिंग का निर्देश दिया है।
हालांकि ये प्रश्न अब भी सबसे बड़ा साबित हो रहा है कि आखिर एक बीमारी को महामारी बनाने के लिए वो कौन से अधिकारी है और विभाग है जो अपने काम को ठीक से अंजाम देने में असफल साबित हुए है।