मोहब्बत में कोई कैसे करे भरोसा…

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जिस पर सब कुर्बान कर दिया, वही कातिल निकला

निशंक न्यूज।

कानपुर। वह कहता था कि वह उसे बेपनाह मोहब्बत करता है। उसे उसकी हर अदा निराली लगती थी, उसकी मुस्कान पर फिदा रहता था, चांद-तारे तोड़ लाने की बात करता था, जरा भी मौका मिलता मोबाइल पर संदेश लिख भेजता और फिर न खत्म होने वाली मीठी-मीठी बातें। वह कहता कि वह उसके लिए दुनिया की हर शै से टकरा सकता है, सबकुछ कुर्बान कर सकता है। लेकिन, सीता इन वादों के पीछे उसके इरादे नहीं भांप सकी। उस पर जान से ज्यादा भरोसा किया और उसे हमदम बना लिया। जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा किया, जान से ज्यादा चाहा, उसने ही उसकी जान ले ली।

प्यार, वासना, फरेब और मौत की यह कहानी है कानपुर के शहनवाज और सीता की। आजमगढ़ की रहने वाली सीता की कानपुर के जाजमऊ निवासी शहनवाज से सोशल साइट पर दोस्ती परवान चढ़ी। शहनवाज की हर बात का सीता ने आंख बंद कर भरोसा किया। कोई जरा भी संदेह जताता तो सीता नाराज हो जाती या फिर अनसुनी कर देती थी। एक वह दिन भी आया जब सीता शहनवाज से निकाह के लिए जिद पर अड़ गई। मां-बाप ने जाति, धर्म और शहनवाज के अनजान होने की बात कही, सामाजिक मान-मर्यादा की दुहाई दी, पर सीता की आंख पर तो शहनवाज के प्यार का खुमार चढ़ा था। वह उस पर इस कदर मरमिटी कि कई सौ किलोमीटर का सफर करके अकेली कानपुर आ गई।

यहां शहनावाज ने उसे जाजमऊ में कमरा लेकर रखा और उसके साथ दिन-रात बिताने लगा। जब उसने शादी की जिद की तो शहनवाज ने राज खोला कि वह पहले से शादीशुदा है, उसका एक बच्चा भी है। सीता पर गाज गिर गई, वह फूट-फूट कर रोने लगी और शहनवाज को दगाबाज कह डाला। सीता इस कदर प्यार में पगलाई थी कि वह तब भी उससे शादी को राजी थी। शहनवाज मुकर गया और इनकार कर दिया। लुटी-पिटी सीता ने कानूनी कार्र्रवाई की धमकी दी, तो चालाक शहनवाज ने मौके के नजाकत भांप हामी भर ली। कोर्ट मैरिज के बाद दोनों साथ रहने लगे।

शहनवाज ने पुलिस को बताया कि बताया कि सोशल साइट पर उसकी मुलाकात सीता से हुई थी। बातचीत के बीच सीता उससे प्यार करने लगी थी। वह उससे मिलने आजमगढ़ भी गया था, जहां उसके घरवालों से भी मिला था। 23 जून 2019 को उसने अंबेडकरपुरम के बसखारी में सीता से निकाह किया था। वह पहले से शादीशुदा था लेकिन सीता को बताया था कि पहली पत्नी को तलाक दे चुका है। अक्टूबर में सीता को कानपुर लाने के बाद किराये के मकान में रखा था। यहां आने के बाद सीता लगातार ससुराल जाने की जिद कर रही थी। परेशान होकर उसने जाजमऊ सरैया बाजार निवासी बहनोई आमिर खान से मदद मांगी। 26 तारीख को गंगा बैराज लाकर आमिर व उसके दो दोस्तों की मदद से गला कसकर सीता की हत्या कर शव फेंक दिया था।

बिठूर-गंगा बैराज रोड पर 27 दिसंबर की रात पुलिस ने एक युवती का शव बरामद किया था। हाथों में मेहंदी रची होने और दुल्हन जैसे कपड़े पहने होने पर पुलिस ने हत्या के बाद शव फेंकने की बात कही थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोटकर हत्या किए जाने की पुष्टि के बाद पुलिस शिनाख्त में जुट गई थी। सर्विलांस में डाटा फिल्टरेशन के बाद पुलिस उसकी शिनाख्त कर सकी थी। आजमगढ़ से आए पिता जवाहिर ने शव की पहचान चौथे नंबर की बेटी सीता उर्फ नेहा के रूप में की थी।

ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री खुलने के बाद पुलिस ने जवाहिरी के बताने पर शहनवाज को बजरिया के शौकत अली पार्क स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने सीता की हत्या करने की बात कबूल कर ली। शनिवार को पुलिस उसे लेकर सीता के जेवर बरामद करने के लिए घटनास्थल पर पहुंची। शहनवाज ने जेवर बरामदगी के समय झाडिय़ों में छिपाया तमंचा निकाल कर पुलिस टीम पर फायर कर दिया। इसपर पुलिस ने जवाबी फायङ्क्षरग की, जिसमें शहनवाज दाहिने पैर में गोली लगने से घायल हो गया।

सीता का नई दुल्हन की तरह ससुराल जाने सपना था। 26 दिसंबर को जब शहनवाज ने उससे ससुराल ले चलने की बात कही तो वह बहुत खुश हुई। उसने अपनी बहन सुशीला को 26 दिसंबर की सुबह फोन करके अगले दिन ससुराल जाने की बात बताई थी। उसने कहा था कि वह नई दुल्हन बनकर अपनी ससुराल जाएगी, इसीलिए उसने हाथ पैर में मेहंदी लगवाई है। बहन सुशीला ने बताया कि सीता के निकाह में वह शामिल हुई थीं। 27 दिसंबर को फोन किया तो शहनवाज ने उठाया और कहा कि सीता व्यस्त है, जुमे के बाद बात कराएगा। इसके बाद से सीता का फोन लगातार बंद था। शुक्रवार को यहां आने पर घटना पता लगी तो पैरों तले जमीन खिसक गई।

जवाहिरी ने पुलिस को बताया था कि सीता का कानपुर के शहनवाज से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसकी जानकारी के बाद उन्होंने बेटी को समझाया था कि युवक दूसरे धर्म से हैं लेकिन वह नहीं मानी। शहनवाज ने सीता से निकाह करने के बाद कोर्ट मैरिज भी की थी। इसके बाद वह उसे कानपुर लेकर चला गया था। घटना का ये राज सामने आने के बाद पुलिस शहनवाज की तलाश कर रही थी।