मुलायम के दांव में दांव में चित हुए शिवपाल
अखाड़े के खिलाड़ी रहे हैं सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव
राजनीतिक धोबी पाट में इस बार चपेट में आए छोटे भाई
पुत्र के कार्यक्रम में जाकर छोटे भाई के मंसूबों पर फेरा पानी
शिवपाल इंतजार करते रहे, अखिलेश के कार्यक्रम में पहुंचे
निशंक न्यूज
महेश सोनकर
कानपुर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व देश के रक्षा मंत्री रहे सपा के संस्थाक व वर्तमान में सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव अखाड़े के जबरदस्त पहलवान रहे हैं। वह शिक्षक भी रहे और अखाड़े के बेहतर खिलाड़ी भी। राजनीति के अखाड़े में तो उनका कोई सानी ही नहीं रहा जब कोई नेता (राजनीति का पहलवान) उनसे मुकाबला करने परोक्ष रूप से भी आया तो मुलायम सिंह ने ऐसा दांव लगाया कि वह चित हुआ और ऐसा हिम्मत भी नहीं कर सका कि वह दोबारा नेता जी के सामने आने की हिम्मत जुटा सके। नेता जी का दांव सब पर भारी पड़ा। इस बार उनके दांव की चपेट में आ गए उनके छोटे भाई प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव। परिवार में एका बनाने के लिये उन्होंने अपने बड़े भाई मुलायम सिंह के 81 वें जन्मदिन को एकता दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया। अपने भाई की पसंद को देखते हुए उनके गढ़ सैफई इटावा में बेहतरीन दंगल का आयोजन किया। कुछ दिन पहले ही ऐलान भी कर दिया कि वह पहले सपा से समझौता करने को तैयार हैं। उम्मीद थी कि इन सब बातों के चलते नेता जी उन्हें आशीर्वाद देकर उनके कार्यक्रम में जरूर आएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं नेता जी सैफई में आयोजित अपने भाई के कार्यक्रम पहुंचे नहीं और अचानक अपने पुत्र व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा लखनऊ में आयोजित जन्मदिन के कार्यक्रम में पहुंचे यही नहीं यहां यह कह भी दिया कि युवाओं को राजनीति की कमान सौंपनी चाहिये। इस दांव से परिवार में एका करने की बात कह रहे प्रसपा प्रमुख राजनीति की लड़ाई में चित हो गये और उनके भतीजे अखिलेश यादव को राजनीतिक फायदा मिलने की बात कही जाने लगी है।
देश के हर हिस्से में हुए कार्य.क्रम
सपा के संरक्षक तथा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के जन्म दिन पर देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यक्रम हुए कहीं केक काट गया तो कहीं उनकी पसंद का दंगल कराया गया। कहीं अस्पतालों में जाकर मरीजों का फल बांटे गए तो कहीं गरीबों का कंबल आदि बांटने का काम किया गया। मरीजों को दवा तथा फल आदि बांटने का काम तो कई स्थानों पर किया गया लेकिन नेता जी केवल अपने पुत्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में ही पहुंचे वह तब जब यह कहा जाने लगा कि अपनी बीमारी के चलते शायद वह यहां भी नहीं पहुंचेंगे। श्री यादव लखनऊ में पहुंचे और यह कहकर साफ तौर पर सभी को संदेश दिया कि अब युवाओं का राजनीति की कमान देनी चाहिये। इसका राजनीतिक मतलब यह निकाला जाने लगा कि नेता जी अखिलेश यादव के ही साथ हैं ना कि अपने भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ।
कानपुर में बांटी गई डेंगू से बचाव के लिए निशुल्क पिलाई दवा
नेता जी के जन्मदिन पर सपा महिला सभा प्रदेश सचिव उज़्मा इकबाल सोलंकी की अगुवाई में डेंगू जैसी महामारी से बचाव के लिए निशुल्क दवा पिलाई गई। कैंप का आयोजन मीरपुर चौराहे पर किया गया। उज़्मा इकबाल सोलंकी ने बताया कि धरती पुत्र मुलायम सिंह के जन्म दिन पर डेंगू जैसी महामारी से बचाव के लिए कैंप का आयोजन किया गया । डेंगू जैसी महामारी है कितने घरों के चिराग बुझा दिए। नेता जी के जन्म दिवस के अवसर पर दो बूंद जिंदगी के कैंप का आयोजन किया गया। यहां हाजी हसन सोलंकी , एकलव ओमर, ऐजाज शाह , होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ एसबी मिश्रा, मोहित सिंह, जीतेंद्र तिवारी, रशीद, उमर , फ़ातिमा , हसीन आदि हे।