कल बर्रा थाना क्षेत्र में रिक्शा चालक की बेटी ने लगा ली थी फांसी
आर्थिक तंगी के कारण उठाया अत्महत्या करने का कदम
महेश सोनकर
कानपुर। बर्रा कल हुई महिमा सक्सेना की मौत की खबर अखबारों में पढ़ कर प्रियंका गांधी ने आज ट्यूट किया कि आर्थिक तंगी में महिमा पढ़ाई नहीं कर पाई तो उसने अपनी जान दे दी। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का ध्यान ऐसे किसी मुद्दे पर नहीं जाता है। हम सबको ये संकल्प लेना चाहिए कि हर महिमा के शिक्षा और सुरक्षा के हक को कायम करेंगे। उन्हे ने कहा कि राजनीति का मकसद जनता के विषयों को प्राथमिकता देने का है। शिक्षा, रोजगार, किसानों की मदद। लेकिन ये गैरजिम्मेदार सरकार सिर्फ फूट फैलाने में व्यस्त है।

बताते चलें कि कल दोपहर बर्रा में युवती महिमा सक्सेना ने फांसी लगा कर जान दे दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। थाना बर्रा सी ब्लॉक बर्रा 8 निवासी बसंत की पुत्री महिमा सक्सेना (18) ने कल शनिवार को कमरे में दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी।

परिवार में मां आशा बहन हेमा हैं। दो बहन सोनी और शिवानी शादीशुदा है पिता बसंत रिक्शा चलाता है। रिक्शा चालक की इतनी कमाई नहीं की वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। इसी आर्थिक तंगी के चलते पत्नी आशा और बेटी महिमा दूसरों के घरों में काम करती थीं। महिमा के कुछ सपने थे वो पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थी। कुछ कर दिखाने के लिए वह दिन रात पढ़ाई करती थी। पिता की आर्थित स्थिति के चलते वह किसी तरह तो हाई स्कूल तक की पढ़ाई कर सकी पर अब वह पैसे के कारण अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रही थी और उसको मजबूरन अपनी पढ़ाई बंद करनी पड़ी। महिमा के सारे सपने धरासाई हो गयें। इस सदमें में उसने आत्महत्या कर ली।