विकास वाजपेयी
कहते है कि जब अधिकारी मुस्तैद होते है तो कर्मचारी भी मुस्तैद हो जाते है। ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला कानपुर की स्वरूपनगर के इलाहाबाद बैंक की ब्रांच में जब बिना किसी को बताए शहर के कप्तान अनंत देव खुद बैंक की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने बैंक में जा धमके। फिर क्या था वहाँ के पूरे स्टाफ के हाथ पैर फूल गए । जिस सुरक्षा की मुस्तैदी की बात करते बैंक के अधिकारी थकते नही थे उस सबकी पोल एक मिनट में खुल गई। कानपुर के सीनियर सुप्रिमटेंडेंट ऑफ पुलिस अनंत देव ने पूरी बैंक का मुआयना किया और बैंक के अधिकारियों को सुरक्षा की खामियों के प्रति कड़े लहजे में आगाह किया।
त्योहारों की सरगर्मी और खुमारी के बीच बैंकों में कई दिनों का अवकाश रहा है और बुधवार को चार दिनों की बंदी के बाद एक बार फिर बैंकों में काम काज शुरू हुआ है। सुरक्षा कारणों के मद्देनजर ऐसा माना जाता रहा है कि छुट्टी की खुमारी के बाद बैंकों में जहाँ सुरक्षा व्यवस्था लचर हो जाती है उसी समय अपराधी तेजी से सक्रिय हो जाते है और बैंक की जरा सी लापरवाही से अपराधियों को अपराध को अंजाम देने में बल मिलता है। इन्ही सब सुरक्षा कारणों को ध्यान में रख कर पुलिस बैंकों की सुरक्षा का जायजा लेती है लेकिन बिना किसी सूचना के बैंक में पहुचने से सुरक्षा के मानकों का निष्पक्ष रूप से जायजा मिल जाता है। पुलिस कप्तान की इस कवायद से बैंक कर्मियों में भी सुरक्षा के मानकों को पूरा करने की होड़ रहती है। एसएसपी अनंत देव ने बताया कि इसके बाद वो कई अन्य बैंकों में भी औचक निरीक्षण करने पहुचने वाले है, जिससे सुरक्षा के उचित मानकों का अंदाजा लगाया जा सके।