प्रभात त्रिपाठी
कानपुर | शिक्षा के क्षेत्र में अलग-अलग विषयों के कई शिक्षण संस्थान तो कई कोचिंग संस्थान खुल गए हैं ये कोचिंग संस्थान अपने कोचिंग के प्रमोशन के लिए लाखों रुपयों का विज्ञापन देते हैं जिससे छात्र-छात्राएं कोचिंग में एडमिशन लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं कई ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जो लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपया अपने शिक्षण संस्थान का प्रमोशन करने में लगा देते हैं, क्योंकि अब बात अगर करें शिक्षा के क्षेत्र की तो कलयुग में कई शिक्षकों/ गुरुओ ने शिक्षा को व्यवसाय बना दिया है गुरु अब गुरु नहीं बल्कि व्यवसाई गुरु बन गए हैं। उनका सीधा सा फंडा है जितना प्रमोशन होगा उतना ही बच्चा उनके शिक्षण संस्थान में एडमिशन लेगा और उतना ही इन व्यावसायिक गुरुओं को बिजनेस मिलेगा। लेकिन आपको बता दें कई ऐसे भी शिक्षण संस्थान है जिन्होंने आज तक अपनी कोचिंग का प्रमोशन नहीं करवाया जहां करोड़ों लाखों रुपए खर्च करके अन्य शिक्षण संस्थान अपने कोचिंग का प्रमोशन करवाते हैं वहीं काकादेव कोचिंग मंडी का एक ऐसा शिक्षण संस्थान है जिसने आज तक अपनी कोचिंग का प्रमोशन नहीं करवाया। जैसा कि कोचिंग संचालक का कहना है हमारा रिजल्ट ही हमारा सबसे बड़ा प्रमोशन है और बच्चे ही सबसे बड़ा विज्ञापन है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर के काकादेव कोचिंग मंडी स्थित जोश एकेडमी के संचालक नितेश कुमार सिंह ने बताया उन्होंने आज तक अपनी कोचिंग का कभी भी प्रमोशन नहीं करवाया जब 2012 से यूपी टीईटी, सी टीईटी और सुपर टीईटी की शुरुआत हुई तब से हमने अपनी कोचिंग जोश एकेडेमी की शुरुआत की। आज तक हमनेेेेे एक भी रुपए का विज्ञापन नहीं दिया और 2012 से लेकर अब तक हमारे शिक्षण संस्थान का रिजल्ट 99% जाता है। केवल यूपी नहीं बल्कि पूरे केंद्र में हमारे बराबर अभी कोई नहीं हैै जिसका रिजल्ट 99% रहा हो। हाल ही में नितेश कुमार सिंह को लखनऊ में हुए सुशिक्षा, स्वास्थ्य एवं समग्र विकास कार्यक्रम में बेस्ट टीचर के अवार्ड से नवाजा गया था जिसमें बतौर अतिथि डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।
नितेश कहतेे हैं ऐसा सिर्फ इस कारण संभव हुआ है क्योंकि हमारी कोचिंग 2011 से लेकर अब तक 99% रिजल्ट देती आ रही है हमारी कोचिंग का विज्ञापन हमारे छात्र हैं क्योंकि हमारे छात्रों का रिजल्ट विज्ञापन का काम करता है जिस कारण आज हमारी शिक्षण संस्थान में छात्र बड़ी संख्या में पढ़ रहे हैं। बताते चलें कि नीतीश उन बच्चों से फिर भी नहीं लेते जिनके माता-पिता इस दुनिया में नहीं है उन बच्चों के लिए नीतीश की कोचिंग के दरवाजे सदैव खुले हैं।