प्रशासन की अनदेखी का नतीजा है कन्नौज हादसा

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डेढ़ साल पहले भी मैनपुरी में मरे थे 18 लोग

निशंक न्यूज/कन्नौज। फर्रुखाबाद में एआरटीओ व पुलिस के खेल में डग्गामार वाहन फर्राटा भर रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा जारी किया गया फरमान बेअसर दिख रहा है। डेढ़ वर्ष पूर्व डग्गामार स्लीपर बस मैनपुरी में पलटने से 18 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 30 लोग घायल हुए थे।

इस हादसे को जिम्मेदारों ने कुछ ही दिनों बाद भुला दिया। इसके चलते शुक्रवार को उसी ट्रांसपोर्टर की बस छिबरामऊ में आग लग गई। आमने-सामने बसों की भिड़ंत के बाद लगी भीषण आग में कई यात्रियों की जान पर बन आई।

जनपद में एक सैकड़ा से अधिक डग्गामार बसें दिल्ली व जयपुर के लिए चल रही हैं। इससे ट्रांसपोर्टर मोटी कमाई के साथ रोडवेज को लाखों के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। इस मोटी कमाई के खेल में जिम्मेदारों को समय से चढ़ावा पहुंचाया जा रहा है।

जून 2018 में दिल्ली के लिए जाने वाली स्लीपर बस हाईवे के डिवाइडर से टकराकर पलट गई थी। इस हादसे में चालक सहित 18 यात्रियों की मौत हुई थी, जबकि 30 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

दर्दनाक हादसा मीडिया की सुर्खियों में आने पर जिम्मेदारों की नींद उड़ी और अपनी गर्दन बचाने को कुछ दिन ताबड़तोड़ कार्रवाई कर कई बसों को सीज कर दिया। हालांकि एक-दो माह में ही मामला ठंडा पड़ गया और डग्गामार बसों का संचालन शुरू होने के साथ जिम्मेदारों का खेल फिर जम गया।

तबसे एआरटीओ व पुलिस ने किसी भी डग्गामार बस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं। इस अनदेखी के चलते उसी ट्रांसपोर्ट की बस शुक्रवार को जनपद कन्नौज के कस्बा छिबरामऊ से जयपुर के लिए सवारियां भरने गई। सवारियां भरकर कस्बे पार होते ही गांव ढिलुइया के निकट सामने से आ रही दूसरी बस से भिड़ंत हो गई। इससे दोनों बसों में भीषण आग लगने से यात्री बस में ही फंस गए।