सुजीत सिंह
निशंक न्यूज। निधिवन रहस्य – भारत में कई ऐसी जगह है जो अपने दामन में कई रहस्यों को समेटे हुए है। धार्मिक नगरी वृन्दावन में निधिवन एक अत्यन्त पवित्र, रहस्यमयी धार्मिक स्थान है। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी अर्द्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं। रास के बाद निधिवन परिसर में स्थापित रंग महल में शयन करते हैं।यही वह स्थान है जहाँ श्री बाँके बिहारी राधा रानी के साथ युगल विग्रह के रूप में स्वामी श्री हरिदास के गोद मे प्रकट हुए थे।
यही कारण है की सुबह खुलने वाले निधिवन को संध्या आरती के पश्चात बंद कर दिया जाता है। उसके बाद वहां कोई नहीं रहता है यहाँ तक की निधिवन में दिन में रहने वाले पशु-पक्षी भी संध्या होते ही निधि वन को छोड़कर चले जाते है।

वैसे तो शाम होते ही निधि वन बंद हो जाता है और सब लोग यहाँ से चले जाते है। लेकिन फिर भी यदि कोई छुपकर रासलीला देखने की कोशिश करता है तो पागल हो जाता है। ऐसा ही एक वाक़या करीब 10 वर्ष पूर्व हुआ था जब जयपुर से आया एक कृष्ण भक्त रास लीला देखने के लिए निधिवन में छुपकर बैठ गया। जब सुबह निधि वन के गेट खुले तो वो बेहोश अवस्था में मिला, उसका मानसिक संतुलन बिगड़ चूका था। ऐसे अनेकों किस्से यहाँ के लोग बताते है।
ऐसे ही एक अन्य वयक्ति थे पागल बाबा जिनकी समाधि भी निधि वन में बनी हुई है। उनके बारे में भी कहा जाता है की उन्होंने भी एक बार निधि वन में छुपकर रास लीला देखने की कोशिश की थी। जिससे की वो पागल ही गए थे। चुकी वो कृष्ण के अनन्य भक्त थे इसलिए उनकी मृत्यु के पश्चात मंदिर कमेटी ने निधि वन में ही उनकी समाधि बनवा दी।
यहाँ जो वृक्ष हैं वो खुद साक्षात् भगवन श्री कृष्ण राधा और गोपियाँ हैं। ये सभी तुलसी के वृक्ष हैं। इतने बड़े तुलसी के वृक्ष कही नहीं होते ये प्रमाण हैं । यह राधा कृष्ण का इन वृक्षों की जड़े एकदम खोखली हैं । इनमें कभी पानी नहीं दिया जाता फिर भी हरे-भरे रहते हैं ।इस वन में रात्रि नौ बजे के बाद कोई नहीं जाता। रात्रि नौ बजे के बाद जाने वाला व्यक्ति सकुशल वापस नहीं आ पाता हैं क्योकि रात्रि में यहाँ महारास होता हैं । जिसमें राधा-कृष्ण के अलावा उनकी गोपियाँ होती हैं।और कोई भी व्यक्ति इस रास को नहीं देख पता हैं अगर कोई देख ले तो पागल हैं अथवा उसकी मृत्यु हो जाती हैं ।