विकास वाजपेयी
त्योहार का मौसम हो तो सड़क में थोड़ा सम्हल के चलने की आदत डाल लीजिए। क्योंकि ये कानपुर शहर है और शहर की पुलिस माशाअल्लाह। अधिकारी भी शायद इस बेपरवाह पुलिस की कार्यशैली पर सर पीट रहे होंगे जिसमे शराब पी कर गाड़ी चलाने की पाबंदी पर लाख नियम कानून बने है लेकिन ये सब कागजों तक ही सीमित नजर आते है।
अभी कानपुर के चेकेरी थाने के लालबंगला क्षेत्र में नशे में धुत लड़को ने दर्जनों गाड़ियों को रौंदते हुए जमकर उत्पात मचाया था लेकिन पुलिस ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया उसका परिणाम ये निकला कि बुधवार की शाम को शहर के कलक्टरगंज थाना क्षेत्र में UP 78 CL 0055 फोर्ड एंडेवर गाड़ी में सवार नशे में धुत लड़को ने जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान इन पुलिस के डर से बेखौफ़ लड़कों ने कई वाहनों में टक्कर भी मारी तो कई लोगो को मामूली रूप से घायल भी कर दिया। हालांकि ज्यादा नशे की हालत में इनकी गाड़ी वहाँ बने एक डिवाइडर से टकरा गई और गाड़ी पूरी तरह से पलट गई।
क्षेत्र के लोगों ने आपसी सहयोग से गाड़ी को सीधा किया और पुलिस को इस विषय से अवगत कराया लेकिन तबतक नशे में धुत ये लड़के मौके से रफूचक्कर हो चुके थे। पुलिस अब गाड़ी की नंबर प्लेट से उनके विषय मे जानकारी एकत्र कर रही है।
हालांकि इस पूरे मामले में सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर शहर के सबसे घने इलाके में ये वाहन चालक नशे की हालत में आखिर पहुंचे कैसे और यदि ये नशा करके वहाँ नहीं गए तो फिर इन लोगों ने आखिर किस जगह बेखौफ़ हो कर नशा किया। ये प्रश्न इस लिए भी जरूरी है क्योंकि पुलिस हमेशा दावा करती है कि शहर की हर गतिविधियों पर उसकी पैनी नज़र रहती है। ये तो ऊपरवाले का करम है कि इस दुर्घटना में किसी की जान नहीं गई और यदि ये हादसा इतना बड़ा हो जाता तो उसकी जिम्मेदारी किसके ऊपर होती। ये कुछ ऐसे सवाल है जिसका जवाब पुलिस और उनके अधिकारी जितनी जल्दी दे दे उससे इस तरह की घटनाओं पर थोड़ा अंकुश जरूर लग सकता है।