दौड़कर निलंबित हुए दरोगा जी
बीहड़ के थाने में रवानगी के विरोध में लगाई थी 50 किमी की दौड़
अधिकारियों ने दरोगा की दौड़ को माना अनुशासनहीनता
इटावा में तैनात दरोगा ने शुक्रवार को लगा दी थी दौड़
निशंक न्यूज
सुजीत सिंह
कानपुरः पुलिस लाइन से अपनी रवानगी बीहड़ के थाने में किये जाने से नाराज होकर विरोधस्वरूप एसएसपी आवास से करीब साठ किलोमीटर दूर मौजूद थाने में आमद कराने के लिये दौड़ लगाने वाले दरोगा को निवंबित कर दिया गया। दरोगा विजय प्रकाश द्वारा लगाई गई दौड़ को अधिकारियों ने अपनी जांच में अनुशासन हीनता मानकर यह कार्रवाई की। इधर दरोगा का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। दरोगा ने शुक्रवार को दौड़ लगाई थी लेकिन करीब 50 किलोमीटर दौड़ने के बाद वह हाइवे पर ही अचेत होकर गिर पड़ा था।

किसी प्रतिष्पर्धा में खिलाड़ी अथवा किसी एथलेटिक्स को अलग कर दिया जाए तो शायद ही कोई सोंच भी सके कि वह अचानक ही 60 किलोमीटर दौड़ सकता है लेकिन इटावा जनपद में तैनात दरोगा विजय प्रकाश ने अफसरों के फैंसले से नाराज होकर ऐसा कर दिया। जरा सोंचिये कि दरोगा अपना तबादला और दूसरी बार बीहड़ के थाने में रवानगी किये जाने से कितना नाराज रहा होगा कि वह ऐसा करने की ठान बैठा और उसने अपनी रवानगी के विरोध में पुलिस लाइन से करीब साठ किलोमीटर दूर बीहड़ क्षेत्र के बिठौली थाने तक दौड़ लगाकर जाने की ठान ली। रवानगी का आदेश मिलने के बाद वह पुलिस लाइन में तो किसी से कुछ नहीं बोला लेकिन इटावा शहर में एसएसपी के बंगले के सामने से उसने साठ किलोमीटर की दौड़ लगा दी।
अपनी रवानगी से नाराज दरोगा करीब 50 किलोमीटर तक दौड़ने के बाद हाइवे पर स्थित हनुमंतपुरा गांव के पास अचेत होकर गिर पड़ा। वर्दी में दरोगा को सड़क पर पड़ा देख ग्रामीणों ने उसे उठाया और परिवार के सदस्य की तरह उसकी सेवा की कोई ग्रामीण दरोगा के तलवे रगड़ रहा था तो कोई हांथ मलने में लगा था ताकि दरोगा की स्थिति सामान्य हो सके। सूचना चौकी पुलिस को दी गयी इसके बाद दरोगा को सीएचसी ले जाया गया जहां से हालत बिगड़ने पर दरोगा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां कुछ सिपाही दरोगा की परिवार की तरह सेवा करने में जुटे रहे। शनिवार को भी दरोगा का जिला अस्पताल में उपचार चलता रहा। इधर दरोगा की इस घटना को अनुशासनहीनता शनिवार को उसे निलंबित कर दिया।