अमृतांश बाजपेई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इनकम टैक्स की दरों में बड़ा बदलाव किया है| उन्होंने यूँ तो इस बार मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है| हालांकि यह ध्यान रखना होगा कि आयकर की नई दरों का फायदा आपको तभी मिलेगा जब आप किसी तरह के डिडक्शन और टैक्स छूट का फायदा नहीं लेंगे| जो करदाता डिडक्शन और टैक्स छूट का लाभ चाहते हैं सरकार ने उन्हें पुरानी व्यवस्था में बने रहने का भी विकल्प दिया है जोकि पहली बार किसी सरकार द्वारा किया जा रहा है| वे टैक्स की पुरानी व्यवस्था में बने रह सकते हैं| ऐसे में करदाताओं के लिए सबसे बड़ी समस्या यह हैं कि उनके लिए कौन सा विकल्प फायदेमंद होगा, पुराना या नया।
5 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं
अगर किसी की इनकम 2.5 लाख रुपये तक है। दोनों टैक्स स्लैब
में उसका टैक्स नहीं लगेगा। दोनों टैक्स स्लैब में 2.5 से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है। लेकिन
क्योंकि दोनों में सरकार ने 12500 रुपये की
टैक्स रियायत दे रखी है। इसके कारण 5 लाख तक की सैलरी पर शून्य टैक्स बनेगा।
7.5 लाख तक की इनकम-
7.5 लाख तक की इनकम में नए टैक्स स्लैब में
39000 का टैक्स
बनेगा (NPS में 50 हजार निवेश कर इसमें छूट पा सकते हैं।)
पुराने टैक्स सिस्टम में 33800 रुपये (1.5 लाख रुपये की टैक्स कटौती के बाद) का
टैक्स बनेगा।
10 लाख तक की इनकम-
10 लाख तक की इनकम में नए टैक्स स्लैब में
75000 का टैक्स
बनेगा (NPS में 50 हजार निवेश कर इसमें छूट पा सकते हैं।)
पुराने टैक्स सिस्टम में 27500 रुपये (80सी के तहत 1,50,000 रुपये, 80डी के तहत 25 हजार रुपये, हाउस लोन के तहत 2 लाख रुपये, स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 50 हजार रुपये का फायदा लेने के बाद- कुल 4.25 लाख) का टैक्स बनेगा।
12.5 लाख तक की इनकम-
12.5 लाख तक की
इनकम में नए टैक्स स्लैब में 125000 का टैक्स
बनेगा (NPS में 50 हजार निवेश कर इसमें छूट पा सकते हैं।)
पुराने टैक्स सिस्टम में 77500 रुपये (80सी के तहत 1,50,000 रुपये, 80डी के तहत 25 हजार रुपये, हाउस लोन के तहत 2 लाख रुपये, स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 50 हजार रुपये का फायदा लेने के बाद- कुल 4.25 लाख) का टैक्स बनेगा।
20 लाख तक की इनकम-
20 लाख तक की इनकम में नए टैक्स स्लैब में
3,37,500 का टैक्स
बनेगा (NPS में 50 हजार निवेश कर छूट पा सकते हैं।)
पुराने टैक्स सिस्टम में 2,85,000 रुपये (80सी के तहत 1,50,000 रुपये, 80डी के तहत 25 हजार रुपये, हाउस लोन के तहत 2 लाख लाख रुपये, स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 50 हजार रुपये का फायदा लेने के बाद) का
टैक्स बनेगा।
नए टैक्स नियम-
नए टैक्स सिस्टम में 100 रियायतों में से 70 को खत्म करने के साथ ही कर के कई स्लैब
बनाए हैं। नई कर व्यवस्था के तहत, 2.5 लाख रुपये
तक की आय कर मुक्त रहेगी। 2.5 से पांच
लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा, लेकिन 12,500 रुपये की राहत बने रहने से इस सीमा तक
की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत, साढ़े सात से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव
किया गया है।
पंद्रह लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगान का प्रस्ताव है। नयी आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नयी व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि 15 लाख रुपए की आय पर पर आयकर दाता यदि किसी प्रकार की छूट या लाभ नहीं लेता है तो उसे एक लाख 95 हजार रुपए का कर देना होगा जबकि पुरानी प्रणाली में दो लाख 73 हजार रुपए का कर देना पड़ता था। इस प्रकार नयी प्रणाली को अपनाने पर 78 हजार का लाभ होगा।
पुराने टैक्स स्लैब
2,50,000 तक की आय
पर – शून्य
2,50,001 से 5 लाख तक की आय पर – 5 प्रतिशत
500001 से 10 लाख तक की आय पर – 20 प्रतिशत
1000001 लाख से
अधिक – 30 प्रतिशत
नई आयकर व्यवस्था वैकल्पिक है और करदाता चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रह सकते हैं। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि एक बार नई कर व्यवस्था को चुनने के बाद यह व्यवस्था आगामी वर्षों में भी लागू रहेगी। नई कर व्यवस्था में कुछ कटौतियों को हटाने का प्रस्ताव किया गया है। इनमें आवास भत्ता (एचआरए), मानक कटौती, आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत (बीमा प्रीमियम, भविष्य निधि एवं कई पेंशन योजनाओं में योगदान) मिलने वाली छूट शामिल है। आपको बतादें कि 12500 की रियायत पुराने और नए दोनों टैक्स स्लैब दोनों में रहेगी। (इसके कारण 5 लाख तक की आय वालों का टैक्स शून्य बनेगा)