
कानपुर शहर और आसपास नहीं थम रहा डेंगू का प्रकोप..
कानपुर शहर में अब तक 73 मौतें। महामारी जैसे हालात बने।
सरकारी अस्पतालों में इलाज के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
जेब भारी हो तभी उपलब्ध हो सकता है इलाज। कुछ निजी अस्पतालों में तो मामूली बुखार को ही डेंगू बताकर कर रहे इलाज। दो मामले पकड़े भी गए।
मच्छरों को मारने और जागरूकता का काम अभी नाकाफी।
डाक्टरों के लिए तो सहालग। झोलाछाप के दर पर भी भीड़।
नीम-हकीम, टुटके वालों को भी बन आई। सरकार चेती है पर जरूरत के मुताबिक साधन-संसाधन नहीं।
सफाई के भी पुख्ता बंदोबस्त नहीं। शहर में कई जगह कचरे के ढेर।
जनप्रतिनिधयों के घरों के आसपास तो मिलेगी सफाई, पर उन्हें बाकी शहर के चिंता नहीं।