जानिए कहाँ बनाया जा रहा है बेटियों के लिए मानसिक मंदिर

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विकास वाजपेयी
यदि आपको मानसिक तनाव, अशांति का खौफ़ है। पढ़ाई करने में मन नहीं लगता या किसी अनजाने भविष्य की चिंता सता रही है तो अब इसका उपाय भी प्रदेश की सरकार करने जा रही है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान में एक शब्द और जोड़ने की तैयारी के साथ अब प्रदेश की योगी सरकार बेटियों के स्वास्थ्य और मानसिक शांति का शब्द भी इसमे जोड़ने जा रही है।
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के पहल पर पहली बार एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकार मंदबुद्धि बेटियों और मानसिक रूप से अपंग महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य और उनके भविष्य के उत्थान के लिए मानसिक केंद की स्थापना करने जा रही है जिसको मानसिक मंदिर के रूप में पहचान दिलाने की महत्वाकांक्षी योजना है।
इन मानसिक केंद्रों के प्रथम चरण में सरकार बुंदेलखंड परिक्षेत्र के सात जिलों से इसकी शुरुआत करेगी। जिसके तहत बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले को इस पायलेट प्रोजेक्ट का साधन बनाया गया है। इसमें चित्रकूट के रैपुरा में हाईवे के किनारे की 12 बीघा जमीन को चिन्हित करके सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है जिसकी सरकार से अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। यह मानसिक केंद्र मानसिक रोगी और मंदबुद्धि छात्राओं को मानसिक शांति की प्राप्ति की नई राह खोलेगा। विभाग के प्रमुख के अनुसार प्रदेश में चित्रकूट आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान के लिए काफी प्रसिद्ध रहा है और यही कारण है कि सरकार अपने इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत चित्रकूट जिले से करना चाहती है। मानसिक मंदिर के नाम से स्थापित होने वाले इन केंद्रों में प्रारंभिक चरण में बुंदेलखंड के 7 जिलों की छात्राओं को प्राथमिकता देने की योजना है और भविष्य में प्रदेश के दूसरे हिस्सों की मानसिक तनाव ग्रस्त छात्राओं को भी शामिल किया जाएगा। इन स्वास्थ केंद्रों में लड़कियों के स्वस्थ बेहतर भविष्य, शिक्षा और रहने की व्यवस्था की जाएगी।