श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़ा जन सैलाब, नम आंखों से दी अंतिम विदाई
सुजीत सिंह
निशंक न्यूज/ कानपुर। कारगिल के मशकोह वैली में हिमस्खलन से शहीद हुए हवलदार धर्मेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर रविवार सुबह गांव पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। प्रशासनिक अफसरों, पार्टी के नेताओं समेत आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने पहुंच गए। रात से ही परिवार वाले पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे और सुबह पहुंचने पर कोहराम मच गया। सैन्य सलामी के बाद लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी तो माहौल गमगीन हो गया।
बीते गुरुवार को द्रास सेक्टर के मशकोह वैली स्थित सेना की चौकी हिमस्खलन की चपेट में आ गई थी। इस घटना में घाटमपुर के पतारा बिराहिनपुर गांव के रहने वाले हवलदार धर्मेंद्र ङ्क्षसह भी शहीद हो गए थे। इसकी जानकारी मिलने के बाद घर में मातम छा गया था।

शनिवार की दोपहर शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर श्रीनगर से नई दिल्ली लाया गया था। रविवार की सुबह सेना की एंबुलेंस से पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया गया। प्रशासनिक अफसरों ने शहीद की अंतिम विदाई के लिए पहले से तैयारी कर ली थी। पार्थिव शरीर पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए आसपास के गांवों से जन सैलाब उमड़ पड़ा।
आसपास के गांवों से जुटी हजारों की भीड़ ने भारत माता का जय बोला तो आसमान गूंज उठा। लोग भारत माता की जय के साथ शहीद धर्मेंद्र सिंह अमर रहे व जब तक सूरज चांद रहेगा, धर्मेंद्र तेरा नाम रहेगा… आदि नारे लगा रहे थे। प्रावधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी भी गांव पहुंची और पत्नी व बच्चों को हर संभव मदद का भरोसा देकर ढांढस बंधाया।

आवास के बाहर ग्रामीणों ने बारी बारी से पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। वहीं अफसरों और नेताओं ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। सैन्य सम्मान के बाद पार्थिव शरीर अंत्येष्टि के लिए ले जाया जाने लगा तो घर में कोहराम मच गया।

मौजूद जनों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। लेफ्टिनेंट कर्नल जी सोमू महाराजन के नेतृत्व वाली सेना की टोली 11 बजे कंधा देकर पार्थिव शरीर 200 मीटर दूर केवडिया मार्ग स्थित अंत्येष्टि स्थल पर ले गए। मंत्री कमलरानी, एसडीएम वरुण पांडेय, सीओ रवि कुमार सिंह, तहसीलदार विजय यादव आदि ने पुष्पचक्र अर्पित किए। इसके बाद सैनिक सम्मान के बीच बड़े पुत्र उत्कर्ष ने शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि दी।