विकास वाजपेयी
सुनने में कुछ अजीब सा लगता है लेकिन ये एक हक़ीक़त से रूबरू कराने वाला मामला है। जिसमे गोरखपुर से गैंग बनाकर तीन लड़को की एक टोली देश की आर्थिक राजधानी में नौकरी की तलाश में नहीं बल्कि लूट की वारदात को अंजाम देने पहुँच गए और वो भी कोई साधारण वारदात नहीं बल्कि बैंक के लाकर को लूटने के लिए। मामला तब उजागर हुआ जब जिले की स्पेशल टास्क फोर्स के सिपाहियों को मुम्बई से सनसनीखेज वारदात के लुटेरों की कुछ धुंधली तस्वीर मिली।
अक्टूबर में दीपावली की रात देश की आर्थिक राजधानी कहें जाने वाली मुम्बई के एक #ICICI बैंक में रात को डकैतों ने धावा बोलकर लूट का प्रयाश किया। इस सनसनीखेज वारदात में डकैतों की टोली ने बैंक के सुरक्षा गार्ड को बंधक बना कर लूट का प्रयाश किया। इस वारदात को अंजाम देने के लिए ये अपराधी अपने साथ गैस कटर भी ले गए थे और उसकी सहायता से इन्होंने बैंक के स्ट्रांग रूम और वहाँ के लॉकर को अपना निशाना बनाया। हालांकि इस वारदात में बदमाश पूरी तरह सफल नहीं हो सके और लूट का कुछ हिस्सा लेकर फरार हो गए क्योंकि इन तीनों को पुलिस के आने की भनक लग गई। उसी रात ये मुम्बई में घटना को अंजाम देकर गोरखपुर रवाना हो गए। बाद में मुम्बई पुलिस ने इन अपराधियों का सीसीटीवी फुटेज सारे प्रदेश मुख्यालय को जानकारी एकत्र करने के लिए भेजा । इस काम मे उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स #STF को मामले की जिम्मेदारी सौंपी गई। टास्क फोर्स ने इन तीनों अपराधियों की लोकेशन गोरखपुर में ट्रैक की और इस काम के लिए तेज तर्रार पुलिसकर्मियों की टीम को सर्विलांस की मदद के साथ गोरखपुर रवाना किया गया। टास्क फोर्स ने बिना समय गवाएं तीनों अपराधियों को धर दबोचा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इन तीनों के नाम मुन्नू कुमार, संदीप कुमार, और रवि कुमार है। हालांकि पुलिस इस मामले में इन तीनों से पूछताछ करके उन लोगों का भी पता लगा रही है जिनकी मदद से ये गोरखपुर से मुंबई में वारदात को अंजाम तक पहुँचने गए थे। पुलिस अधिकारियों का ये भी मानना है कि बिना स्थानीय मदद और जानकारी के आखिर ये कैसे इतनी सनसनीखेज वारदात को अंजाम तक पहुंचा सके।