वेद गुप्ता
निशंक न्यूज/कानपुर। नमामि गंगे योजना अंतर्गत गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर कानपुर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत , मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने कार्यक्रम का दीप जलाकर उदघाटन किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे गुजरात के राज्यपाल ने कहा कि यूरिया खाद किसानों की खेती के लिए नुकसान देय है। उन्होंने कहा कि एक गाय के गौ मूत्र और गोबर से 30 एकड़ खेती की जा सकती है । उनका कहना है कि भारतीय केंचुआ खेती और फसल के लिए काफी लाभदायक है , जबकि यूरिया केंचुए को खत्म करने काम कर रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आय तभी बढ़ सकती है जब लागत कम और उत्पादन ज्यादा हो। गौ आधारित प्राकृतिक खेती कम लागत के साथ ही किसी भी प्रकार की मौसम की दिक्कत से सामना करने की फसल में क्षमता होती है । इस खेती के लिए केंद्र सरकार ने बजट की व्यवस्था की है ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान यूरिया और केमिकल खाद की बजाए गो आधारित प्राकृति खेती करें। गाय के गोबर और मूत्र का खेती में प्रयोग करें। प्रदेश सरकार ने पहले चरण में 1038 ग्राम पंचायत शामिल की हैं, जहां पर मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे, जो गांवों में जाकर किसानों को गो आधारित खेती का प्रशिक्षण देंगे। वह चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में नमामि गंगे योजना के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा सरकार अब हर एक गोवंश को टैग करने जा रही है। सभी के कान के पास एक निशान लगाया जाएगा, चाहे वह पालतू पशु हो या फिर निराश्रित। इस काम का जिम्मा पशुपालन विभाग को सौंपा गया है। अगर कोई किसान निराश्रित पशु को रखकर देखरेख करता है तो सरकार 900 रुपए प्रतिमाह का खर्च भी देगी। उन्होंने बताया कि 27 से 31 जनवरी के बीच गंगा यात्रा गुजरेगी तो 1038 ग्राम पंचायतों के किसानों से भी सरकार के प्रतिनिधि गो आधारित खेती पर चर्चा करेंगे।
पशुओं को होने वाले खुरपका और मुंहपका रोग को समाप्त करने के लिए सरकार कवायद कर रही है। प्रत्येक कमिश्नरी हेड क्वार्टर में लैब बनाई जाएंगी, जहां गो आधारित खेती अपनाकर प्राकृतिक उत्पादन करने वाले किसानों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कार्यशाला में आये किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि गौ आधारित खेती लाभप्रद होने के साथ ही जीरो बजट खेती भी है। इस दौरान प्रदेश के कृषि एवं कृषि शिक्षा मंत्री सूर्य प्रताप शाही , मंत्री दुग्ध विकास एवं पशुपालन लक्ष्मी नारायण चौधरी , राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार उद्यान एवं कृषि विपणन ने भी गौ आधारित प्रकृति खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया । इस दौरान दूर-दूर से किसानों गौ आधारित प्राकृतिक खेती के लिए जागरूक किया गया ।
कानपुर में जीरो बजट खेती देखने आए गुजरात के राज्यपाल, फॉर्म में स्वयं संचालित करके देखे उपकरण
कानपुर, जनपद में जीरो बजट खेती की चर्चा गैर प्रांतों में भी हो रही है, जिसे देखने के लिए गुजरात के राज्यपाल देवव्रत आचार्य पहुंच गए हैं। किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा दिलाने के लिए बिधनू के बघारा गांव स्थित विकल्प फॉर्म में डीजल व बिजली के बिना चलने वाले कृषि उपकरण विकसित किए गए हैं। बैल से चलने वाला ट्रैक्टर व पंप के अलावा गेहूं-दाल की कटाई मशीन समेत अन्य उपकरण शामिल हैं, इजिन्हें राज्यपाल ने स्वयं संचालित करके देखा।
बघारा गांव के विकल्प फॉर्म में मौजूद उपकरण किसानों का जीरो बजट खेती का सपना साकार करके उन्नतशील बना रहे हैं। खेती के लिए बैल चालित कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इसके दो लाभ हैं, पहला कई किसानों के पास ईंधन का खर्च उठाने का बजट नहीं है, यह उपकरण उन्हें लाभ पहुंचा सकता है। दूसरा, इससे काफी हद तक बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान भी किया जा सकता है। यहां पर किसानों को देसी गाय के गोबर व गोमूत्र से बनने वाले जीवामृत के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इसे खेतों में छिड़कने के बाद रासायनिक खाद डालने की जरूरत नहीं होती है।