रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से किया गया था सम्मानित
अखिलेश यादव ने किया था पक्का मकान देने का वादा
निशंक न्यूज।
कानपुर। महज 11 साल की उम्र में उफनाती गंगा की लहरों को चीरते हुए कानपुर से वाराणसी तक का सफर तय करने वाली जलपरी श्रद्धा शुक्ला का आशियाना टूटने जा रहा है। उन्हें जब रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार दिया गया था तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पक्का मकान देने का वादा किया था जो पूरा नहीं हुआ। अब कैंट बोर्ड ने नोटिस भेजकर घर खाली करने के लिए कहा है ताकि उसे गिराया जा सके। होनहार बेटी अब सरकार व जिला प्रशासन से आशियाना बचाने की गुहार लगा रही है।
गंगा किनारे मैस्कर घाट पर है आशियाना
गंगा के किनारे मैस्कर घाट पर झोपड़ी में रहने वाली श्रद्धा के नाम तैराकी में कई रिकार्ड दर्ज हैं। वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार दिया था। तब सरकार से घर का आश्वासन मिला था। पिता ललित शुक्ला ने बताया कि बेटी ने अपनी प्रतिभा से शहर का नाम पूरे देश में रोशन किया, लेकिन सरकार ने जो वादा किया वह पूरा नहीं हुआ। जिस झोपड़ी में पिछले 50 साल से रहते हैं वह अब टूट जाएगा। कैंट बोर्ड ने कुछ जगह दी है लेकिन वह काफी कम है।
हरिद्वार से कानपुर तैराकी का लक्ष्य
श्रद्धा ने बताया, हरिद्वार से कानपुर तक गंगा में तैराकी करने की तैयारी कर रही हूं। आशियाना ध्वस्त किए जाने की आशंका से तैयारी प्रभावित हो रही है। हालांकि लक्ष्य को पूरा कर रिकार्ड बनाऊंगी।
जलपरी की ये हैं उपलब्धियां
2016 में रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित।
2013 में उर्जिता सम्मान से सम्मानित।
2014 में राष्ट्रीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया मेमोरियल अवार्ड मिला।
कानपुर रत्न, इस्लामिक फाउंडेशन ऑफ इंडिया से हो चुकीं सम्मानित।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
मेस्कर घाट पर अवैध निर्माण के चलते मेला या स्नान पर्व पर दिक्कत आती है। इसी को देखते हुए घाट परिसर को खाली कराया जा रहा है। श्रद्धा शुक्ला का घर भी अवैध रूप से बना है। -रोहित तिवारी, सहायक अभियंता छावनी परिषद