गलत फैंसलों से गर्त में कांग्रेस
hrks -पीके ने हाथों-हांथ लिया अब बना दिये गए अनुशासनहीन
-जो संगठन के बढ़ा रहे थे वही किये गये कांग्रेस से बाहर
-कर्नाटक हो या महाराष्ट्र गलत फैंसले बन रहे फजीहत की नींव
-यूपी में कांग्रेस का पनपना बड़ी समस्या यहीं है आम चर्चा
विवेक वाजपेयी

निंशंक न्यूज
बहुत दिनों की बात नहीं है जब निशंक न्यूज ने महाराष्ठ्र चुनाव के पहले आंकलन कर बताया था कि वहां एनसीपी के नेता शरद पंवार वन मैन आर्मी बनकर उभर रहे हैं और आने वाले कुछ दिनों में वह महाराष्ट्र की राजनीति में बंगाल की ममता बनर्जी की तरह कांग्रेस को पीछे छोड़ देंगे और उनसे ज्यादा सीटें जीतकर वहां की राजनीति के ध्रुव बन सकते हैं आज के हालात में यही हो रहा है। आज रविवार को कांग्रेस के एक फैंसले के बाद यह यूपी में भी दिखने लगा है कि कांग्रेस अपने गलत फैंसलों से गर्त में जा रही है।

राजनीति के जानकारों की बात पर भरोसा किया जाए तो अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में अपने गढ़ रहे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस चौथे नंबर पर रहकर केवल रार्ष्ट्रीय पार्टी होने का दावा करती ही रह जाएगी, क्योंकि आज यूपी में कांग्रेस के ऐसे नेताओं का पार्टी से बाहर किया गया जिन्हें राजनीति के बेहतर खिलाड़ी व कई पार्टियों को सत्ता का स्वाद चखाने वाले प्रशांत किशोर ने पसंद कर यूपी में कांग्रेस को एक बार फिर सत्ता के द्वार तक ले जाने के लिये बेहतर माध्यम माना था और इनके सहारे ही यूपी में कांग्रेस को खड़ा करने का अपना अभियान शुरू किया था। पीके की पसंद के लोगों को कुछ समय के भीतर ही अनुशासनहीन मानकर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जब पीके एक समझौते के तहत उत्ततर प्रदेश में कांग्रेस को खड़ा करने का प्रयास कर रहे थे तब कानपुर में पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा ही थे जिन्होंने कुछ घंटों के अंतराल में पूर्व आईएएस आर एन त्रिवेदी सहित कानपुर के कई सम्मानित लोगों को तिलक नगर स्थित एक होटल में एकत्र कर दिया था और यहां कांग्रेस को और मजबूत करने की कारगर रणनीति भी बन गई थी। श्री मिश्र के साथ पूर्व विधायक नेक चंद्र पांडे को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया वह भी मुखर वक्ता के रुप में जाने जाते हैं। कांग्रेस को गर्त में ले जाने वाले कुछ फैंसलों पर आगे भी बात होती रहेगी। आज बस यह कहकर बात खत्म की जा रही है कि इस फैंसले से कानपुर में कांग्रेस के अंदरखाने बगावत के सुर फूटने लगे हैं जो अगले कुछ दिनों में राजधानी लखनऊ में भी फूट सकते हैं।