गंगा तटों पर हर-हर गंगे की गूंज
कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने किया गंगा में स्नान
पुलिस रही चौकन्ना,बिठूर में तैनात रही जल पुलिस

निशंक न्यूज
सुजीत सिंह
कानपुरः कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार हर पूरे प्रदेश खासकर कानपुर के हर घाट पर हर-हर गंगे का जयघोष करते हुए लाखों लोगों ने गंगा में स्नान किया। भारी भीड़ के कारण बिठूर में पुलिस को यातायात व्यवस्था संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। बिठूर, गंगा घाट शुक्लागंज, मैग्जीन घाट, सरसैय्या घाट पर जल पुलिस का इंतजाम भी किया गया था। पुलिस अधिकारी श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर नजर रखे रहे।
तड़के करीब चार बजे से ही गंगा तटों पर श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। हर किसी के मन में मां गंगा में स्नान कर अपनी मनोकामना पूरी करने की लालसा थी मनौती पूरी होने पर कई लोगों ने गांठ बांधकर गंगा में स्नान किया। कार्तिक माह को बहुत शुभ माना जाता है।
कई जगह बदला रहा यातायात
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा तटों पर भारी भीड़ जुटने की संभावना के चलते शहर में कई स्थानों पर गंगा घाटों के पास यातायात में परिवर्तन किया गया है। भारी भीड़ के चलते सरसैय्या घाट पर कचहरी के आगे बैरीकेडिंग लगाकर भारी वाहनों को जाने से रोंक दिया गया था। ऐसे ही बिठूर में रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा के आगे किसी भारी वाहन को जाने से पुलिस रोंकती रही। शुक्लागंज गंगाघाट में आसपास के कई जनपदों से श्रद्धालुओं के आने की संभावना के चलते सुबह शुक्लागंज पुराने पुल पर यातायात बंद रखा गया। ऐसे ही अन्य घाटों पर भी गंगातट के काफी पहले से ही भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगी रही।
जल पुलिस रखे रही नजर
बिठूर हो या सरसैय्या घाट हर उस घाट पर जहां लाखों की भीड़ गंगा स्नान के लिये जुटी थी वहां जल पुलिस की तैनाती की गई थी। एसएसपी अनंत देव तिवारी के निर्देश पर पुलिस ने सोमवार को ही प्रमुख गोताखोरों से संपर्क कर इन्हें घाटों पर बुला लिया था ताकि जरूरत पड़ने पर इनकी मदद ली जा सके।
गंगा में सादी वर्दी में गस्त करती रही पुलिस
गंगा में श्रद्धालुओं को ज्यादा भीतर तक जाने से रोकने के लिये जल पुलिस के साथ ही थाना पुलिस के जवान भी गंगा में नाव के सहारे गस्त करते रहे। जो भी युवा गंगा में ज्यादा आगे जाकर स्नान करने का प्रयास करता उसे पहले समझाकर ना मानने पर डांटकर वापस कर देते थे।
फतेहपुर में शुरू हुआ ऐतिहासिक मेला
कार्तिक पूर्णिमा से ही फतेहपुर जनपद के जीटी रोड से पाच किलोमीटर गंगा किनारे शिवराजपुर में ऐतिहासिक मेले की शुरुआत हो गई। एक सप्ताह तक चलने वाले इस मेले को प्रदेश के प्रमुख मेलों में एक माना जाता है। इस बार यह 12 नवम्बर से मेला 20 नवम्बर तक चलेगा। इस ऐतिहासिक मेले की तैयारियां एक माह से चल रही थी।
होती है घोड़ों की बिक्री
फतेहपुर जनपद में लगने वाले इस मेले में प्रमुख रूप से घोड़ों की खरीद फरोख्त होती है। घोड़ों के साथ ही अन्य जरूरी सामान की खरीदारी के लिये फतेहपुर के कई गांव के लोगों के साथ ही आसपास के जनपदों के ग्रामीण इलाकों के लोग भी पहुंचते हैं। खरीदारी के लिहाज इस मेले की आसपास के जनपद में अलग पहचान है।
मिश्री चढ़ाकर मानी जाती है मन्नत
मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु भक्त भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त मीरा द्वारा स्थापित गिरधर गोपाल मंदिर में मिश्री का प्रसाद चढ़ा करके मन्नते मांगते हैं तथा मेले में खरीदारी करते हैं।
मिलता है गृहस्थी का प्रमुख सामान
इस ऐतिहासिक मेले में पहुंचने वाले हजारों लोग यहां से साल भर के लिए घर गृहस्थी का सामान खरीद करके ले जाते हैं।पत्थर व काठ का समान बेचने वाले दुकानदार दिवाली बाद आकर यहा जम जाते है और मेला के समापन के बाद तक रहते है।
उपेक्षा की शिकार हो रही छोटी काशी
शिवराजपुर के इस इलाके को छोटी काशी के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थान का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथो में भी होने की बात कही जाती है। पौराणिक स्थल गौरीकुमारिका के नाम से विख्यात शिवपुराण मे उल्लेखित शिवराजपुर मे अनेको मंदिर जमीदोज हो गये है। कहा जाता है कि लाला प्रियासरन द्वारा बनवाये गये गिरधरगोपाल मंदिर को चूना व राख से ककई ईटो से बनाया गया जिसे देखने को जिले के आला अफसर सहित तमाम नेता पहुचते रहते है।शिवपुराण मे इस स्थान का उल्लेख मिलता है बावजूद इसके छोटी काशी उपेक्षा का शिकार है।धीरे धीरे छोटी काशी का वजूद समाप्त हो रहा है।