निशंक न्यूज।
नई दिल्ली। वर्ष 2017 में हुए उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए यूपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट 20 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। मंगलवार को सजा पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद धर्मेश शर्मा की अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कानून के जानकारों के मुताबिक, पॉक्सो धारा जुड़ने के चलते दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को अधिकतम सजा के तहत कोर्ट उम्रकैद की सजा सुना सकता है।
पीड़ित पक्ष का तर्क
सजा पर बहस के दौरान पीड़ित नाबालिग लड़की के वकील ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग की है।
पॉक्सो के तहत इस मामले में अधिकतम सजा में उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। सजा पर बहस के दौरान पीड़िता पक्ष के वकील ने मुआवजे की भी मांग की।
साथ ही इसके पक्ष में कहा कि दोषी के पास पैसे की कमी नहीं है, इसलिए अधिकतम मुआवजा दिलाया जाए।
बचाव पक्ष का तर्क
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का पूरा जीवन जनता की सेवा में समर्पित रहा है। 2002 से लगातार कुलदीप सेंगर को एमएलए चुना जा रहा है। विधायक ने इस दौरान कई विकास कार्य किए हैं।
बचाव पक्ष के कम सजा के पक्ष में तर्क दिया कि विधायक का तिहाड़ जेल में अभी तक का व्यवहार अच्छा रहा है। विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की दो बेटियां हैं, उनकी शादी की उम्र है, इसलिए दया की जाए।
वहीं, कोर्ट ने मुआवजे की रकम देने के लिए यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के चुनाव के लिए कुलदीप सिंह सेंगर का शपथ पत्र मांगा।
यहां पर बता दें कि सोमवार को हुई सुनवाई में उन्नाव दुष्कर्म मामले में तीस हजारी कोर्ट ने उत्तर प्रदेश भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया, वहीं सहयोगी शशि सिंह को बरी कर दिया।
दोषी करार देने के दौरान न्यायाधीश धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता को नाबालिग मानते हुए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया। दोषी करार देने के साथ ही कोर्ट ने सजा पर बहस के लिए 19 दिसंबर का दिन तय किया था, लेकिन दोषी के वकील ने मंगलवार को ही बहस की अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने अगले ही दिन यानी मंगलवार का दिन तय किया था।
न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराने का फैसला सुनाते वक्त सीबीआइ पर गंभीर टिप्पणी भी की। उन्होंने कहा कि पीड़िता का बयान सत्य और बेदाग पाया। उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। वह खतरे में थी और चिंतित थी। वह एक गांव की लड़की है, न कि किसी महानगर की। सेंगर शक्तिशाली व्यक्ति था और इसलिए पीड़िता ने अपना पक्ष रखने में समय लिया।