कानपुर के आसपास बारिश का कर्फ्यू
घर से बाहर नहीं निकल सके आम लोग
बुधवार रात से लगातार हो रही है बारिश
मॉहम्मद सलमान
निशंक न्यूज नेटवर्क
मौसम के अचानक मिजाज बदल लेने से और पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश चलते कानपुर में एक बार फिर कर्फ्यू जैसा
माहौल छा गया है| लगातार हो रही बारिश ने लगभग पूरे उत्तर भारत में जन-जीवन को प्रभावित
किया है, वही फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है| भारी बारिश और ठंड के चलते लोग घरों में दुबके रहे केवल वह लोग भी घर से बाहर
निकले जिन्हें बहुत जरूरी काम था। लगातार हो रही बारिश ने फसलों को भी काफी नुकसान
पहुंचाया है। जिसने साल भर की आय की तैयारी में जुटे किसानों की चिंता बढ़ा दी।
कानपुर और उसके आस-पास के इलाकों की बात की जाये तो 24 घंटे से हो रही बारिश ने खेतों को जलमग्न कर दिया है
जिसके चलते फसलें नष्ट होने के कगार पर आ गई है।
आपको बतादें कि मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए जिले के आठवीं तक के स्कूल पहले ही बंद कर दिए गए थे लेकिन बाकी खुले हुए हैं। रात से ही बरसात बंद नहीं होने से दूसरे स्कूल कॉलेज में भी रेनी डे जैसा माहौल है और इसके और इसके साथ ही जरूरी सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। यूं तो बारिश ने लगभग पूरे उत्तर भारत को अपनी आगोश में ले लिया है और 24 घंटे से हर तरफ अपना कहर बरपा रही हैं, लेकिन उत्तर भारत से जुड़े कानपुर, कानपुर देहात, राजधानी लखनऊ, इटावा, फतेहपुर, कन्नोज, बांदा, चित्रकूट, उन्माव आदि जनपदों में बरसात का ज्यादा प्रभाव देखा गया। कानपुर देहात में बारिश ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। वही फसलों को भी जलमग्न कर नष्ट होने की कगार पर ला दिया है। जिसको देख किसान भयभीत और डरा हुआ दिख रहा है। किसानों की माने तो 24 घंटे से हो रही इस बारिश ने फसलों को नष्ट के कगार पर ला दिया है। बारिश के प्रकोप से आलू, लाही और गेहूं सहित अन्य फसलें नष्ट होने की कगार पर आ गई है, क्योंकि इन सभी फसलों को कम पानी की जरूरत होती है। लेकिन 24 घंटे से अधिक हो रहे पानी की वजह से ये सभी फसलें जलमग्न हो गई है। जिससे इनके नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है। वही लाही की फसल में फूल निकल रहे हैं जो बारिश के चलते प्रभावित होकर नष्ट हो रहे हैं। जिससे लाही की फसल को भी भारी नुकसान होगा। इतना ही नहीं चना, अरहर और मटर सहित दलहन की फसलों को भी इस मूसलाधार बारिश से भारी नुकसान हुआ है। इन फसलो के साथ सब्जियों को भी इस बारिश ने नष्ट की कगार पर ला दिया हैं। जो किसानों की परेशानियों का कारण बना हुआ है।
रोडवेज सेवा प्रभावित
बारिश से रोडवेज सेवाएं प्रभावित हैं।
झकरकटी कटी अंतर्राज्यीय बस अड्डे से लंबी दूरी की बसें रवाना तो की गई लेकिन
सवारी नहीं थी। आसपास के जिलों के लिए यात्री नहीं होने के कारण भ से रवाना नहीं
की गई। बस अड्डे पर भारी जलभराव भी देखने को मिला। सवारिया कम होने से रोडवेज को
काफी नुकसान होने की बात कही जा रही है।
फसलों को नुकसान
आलू, टमाटर, मटर जैसी मौसमी सब्जियों सब्जियों को
नुकसान पहुंचा है। खेत में पानी लग जाने से आलू सड़ने की आशंका है। फूल वाली फसलों
जैसे सरसों लाही, मटर और
अगेती गेहूं के लिए भी यह बारिश नुकसानदायक है। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है की
खेतों में पानी ना लगने दें। गेहूं की फसल के नुकसान होने का एक कारण यह भी माना
जा रहा है कि किसान पहले ही फसल में पानी लगा चुके हैं लगातार हो रही बारिश से खेत
में पानी भर सकता है और ऐसा होने पर गेहूं की फसल भी सड़ने की स्थिति में आ सकती
है।