हमारे समाज में ऐसी महिलाएं भी हैं, जिन्होंने तमाम दिक्कतों, समस्याओं का सामना करने के बावजूद अपनी अलग और विशेष पहचान बनाई है, उन्होंने धारा के विपरीत दिशा में जाकर तमाम कठनाईयों को चुनौती दी है।
प्रभात त्रिपाठी
निशंक न्यूज़
अवनि चतुर्वेदी
अवनि का जन्म 27 अक्टूबर 1993 को रीवा में हुआ । इनकी प्रारम्भिक शिक्षा मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में हुई थी। अवनि ने वनस्थली विश्विद्यालय से 2014 में ग्रेजुएशन पूरा किया ।
अवनि को मोटिवेशन उनके बड़े भाई से मिला जो भारतीय सेना में कार्यरत हैं, उनसे ही प्रेरित होकर अवनि ने भारतीय सेना में आने का निर्णय लिया । भारतीय वायु सेना में लड़ाकू विमान पायलट के रूप में मिग . 21 फाइटर जेट से खुले आसमान में अकेले ही उड़ान भर कर पहली स्वतन्त्र फाइटर पायलट होने का गौरव प्राप्त किया ।

अरुणिमा सिन्हा
अरुणिमा सिन्हा का जन्म 1988 में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में हुआ। जो भारत की पूर्व बालीबाल खिलाड़ी तथा माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय दिव्यांग हैं 11 अप्रैल 2011 को पद्मावती एक्सप्रेस से यात्रा करने के दौरान कुछ शातिर चोरो ने उन्हें चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया था, परिणामस्वरूप उनका बायां पैर कट गया । जिंदगी और मौत की जंग में अरुणिमा की जीत हुई, बाद में उनके पैर को कृत्रिम पैर के सहारे जोड़ा गया ।
अरुणिमा ने गजब के साहस का परिचय देते हुए 21 मई 2013 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी ;माउंट एवरेस्टद्ध को फतह कर एक नया इतिहास रच दिया ।

स्नेहा खानवलकर
28 अप्रैल को स्नेहा खानवलकर का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक मराठी परिवार में हुआ था। उनका पूरा बचपन इंदौर में बीता। उनकी मां ग्वालियर के राजघराने से ताल्लुक रखती थी। स्नेहा की मां भारतीय संगीत में पारंगत थी, जिस वजह से स्नेहा ने भी छोटी उम्र में संगीत सीखना शुरू कर दिया। स्नेहा खानवलकर वो नाम हैं, जिन्होंने इतिहास का जरा भी बोझ अपने कांधे पर नही रखा है । उन्होंने अपने गीतों को खेतों की मेड़ों पर रचा है,। उन्होंने सिनेमा के संगीत को फ़िल्म की पटकथा का इतना गहरा हिस्सा बना दिया है कि वो फ़िल्म में किसी किरदार सी भूमिका अदा करने लगता है ।नए ध्वनियों के लिए वे भारत की दसों दिशाओं को नापती हैं, और पूरे देश का नक्शा अपने पास इकठ्ठा कर संगीत से बना देती हैं

मिताली राज़
मिताली राज़ पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी और कप्तान हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाली पहली महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। इनका जन्म 3 दिसम्बर 1982 को जोधपुर में एक तमिल परिवार में हुआ था। शुरुआती दौर में वे भरतनाट्यम के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाह रही थी लेकिन अंत में उन्होंने क्रिकेट को अपना कैरियर चुना । मिताली ऐसी पहली महिला क्रिकेटर हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में लगातार सात बार अर्धशतक जड़े हैं । उन्हें 2015 में विज़्डन क्रिकेटर और पद्मश्री भी मिल चुका है ये एक गौरव की बात है ।

सुरेखा यादव
सुरेखा यादव का जन्म 2 सितम्बर १९६५ को सतारा, महाराष्ट्र में सोनाबाई और रामचन्द्र भोसले के घर हुआ। भारतीय रेलवे की पहली महिला रेलगाड़ी चालक हैं, 1988 में वे भारत की पहली ट्रेन चालक बनी । 8 मार्च 2011 को डेक्कन क्वीन नामक रेलगाड़ी को पुणे से मुम्बई तक चलाकर वे एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनीं । यह विशेषायोजन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुआ था

सन्तोष यादव
संतोष यादव का जन्म 1969 में हरियाणा के रेवाड़ी जिले में हुआ था, शताब्दी की चर्चित महिला संतोष यादव का नाम पर्वतारोहण के क्षेत्र में इसलिए अग्रणी है कि उन्होंने विश्व की सर्वाधिक ऊंची चोटी को अपने पैरों से दो बार नापकर नया इतिहास रचा । संतोष ने मई 1992 और मई 1993 में माउंट एवरेस्ट को फतह किया। घर के लोग उनकी शादी जल्दी ही करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने विरोध का स्वर बुलन्द कर के इस चर्चा पर विराम लगा दिया था ।
सन 2000 मे उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया ।
इस प्रकार हम उपरोक्त महीयसी महिलाओं के अध्ययन उपरांत इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि आगे बढ़ने की जिद्द हो तो कोई भी बाधा हमे रोक नही सकती ।