दाऊद, आईपीएस अफसर, संवेदनशील प्रेमी और ताना जी
हर कठिन किरदार को जीवंत किया इस दमदार एक्टर ने
शैलेश अवस्थी
वह अन्याय के खिलाफ पर्वत सा अडिग रहता है, लेकिन मर्यादा कहीं नहीं तोड़ता। कभी बदलाव के लिए बागी हो जाता है तो कभी कानून की रक्षा के किसी भी हद से गुजर जाता है। कभी प्यार के लिए कुर्बान हो जाता है तो कभी जन के मन से भय को कुचलने के लिए मुसीबतों से टकराना सिखाता है। इसके जीवन का मूलमंत्र है अनुशासन और मेहनत।
हम यहां बात कर रहे हैं अभिनेता अजय देवगन की, जिन्होंने “ताना जी” के साथ अपनी 100 फिल्मों का शानदार सफल सफर पूरा किया है। 1991 में फिल्म “फूल और कांटे” से डेव्यू करने वाले अजय देवगन अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत परिश्रम किया है और यही कारण है कि 50 साल की उम्र में भी वह हर रोल में फबते हैं। उनके अभिनय में विविधता, संवेदनशीलता, गंभीरता और सहजता है। यही कारण है कि वह भगत सिंह का रोल भी जीते हैं और दाऊद इब्राहिम का किरदार भी बखूबी निभा ले जाते हैं। “गंगाजल” में एक ईमानदार आईपीएस की भूमिका में उनकी भावभंगिमा और जिस्मानी भाषा का एसा सामजस्य दिखा कि पात्र जीवंत बन गया। “लज्जा” में उनकी आंखें बोलती हैं।
फिल्म “राजनीति” में एक दलित नेता के रूप में उनका अभिनय मनोज वाजपेयी जैसे मजे हुए अभिनेता से बिल्कुल कमतर नहीं लगता, कहीं-कहीं तो वह उन पर हाबी दिखते हैं। “सिंघम” में उनकी भूमिका तो अब असल जिंदगी में तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी का पर्याय बन गई है। जब कोई ईमानदार, दमदार और निडर पुलिस अधिकारी निर्बलों को न्याय दिलाता दिखता है तो उसे सिंघम उपाधि से नवाज दिया जाता है।

“हम दिल दे चुके सनम” में वह एक एसे बेबस पति की भूमिका में हैं, जिसकी बीवी शादी के पहले किसी और से प्यार करती है और जब उन्हें इसका पता लगता है तो वह अपनी बीवी को उसके प्यार से मिलवाने के लिए दिनरात एक कर देते हैं। इस संवेदनशील पटकथा में जिस संवेदनशीलता से अजय देवगन किरदार निभाया है, वह बेहद कठिन है। वह अपनी बीवी को बेहद प्यार करता है, लेकिन वह उसकी मोहब्बत आबाद करने के लिए किस तरह खुद से लड़ता है। कॉमेडी फिल्मों में अजय देवगन बिल्कुल बदले रूप में नजर आते हैं। गोलमाल रिटर्न में वह खूब हंसाते हैं। अगर हम उनकी फिल्मों में नजर डालें तो देखते हैं कि उनके जैसे विविधता वाले अभिनेता कम ही नजर आते हैं। यह एक मजे हुए एक्टर की विशेषता है।
फिल्मी दुनिया और इसके बाहर भी उनकी गिनती एक अच्छे इंसान के रूप में है। वह विनम्र हैं, अनुशासित हैं और विवादों से दूर रहकर चुपचाप कर्म करते हैं। यही कारण है कि वह सभी बड़े निर्देशकों की पसंद हैं। संजय लीला भंसाली, महेश भट्ट, केसी बोकडिया, कुक्कू कोहली, गोविंद निहलानी, डेविड धवन, राम गोपाल शर्मा, मणिरत्नमस प्रकाश झा और राजकुमार संतोषी जैसे दिग्गज निर्देशकों के साथ काम किया है। अजय देवगन का अब अपना सफल प्रोडक्शन हाउस है। इसके बैनर तले सफल फिल्में दी हैं। इस उम्र में भी वह बिल्कुल फिट हैं और इसीलिए हिट हैं। “ताना जी” फिल्म में उनका अभिनय सराहा जा रहा, दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है और एक हफ्ते में ही इस फिल्म ने बाक्स आफिस पर झंडे गाड़ दिए हैं। यूपी सरकार ने ताना जी फिल्म टैक्स फ्री कर दी है। इस तरह अजय देवगन की फिल्मों का शानदार शतक पूरा हुआ जिसमें उनके फिल्मी चौके-छक्कों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया है।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं…।