इस बेजोड़ प्लान से अब दंगाइयों को कोई बचा नहीं सकता !

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विकास वाजपेयी
प्लान पूरी तरह तैयार है गड़बड़ी फैलाने वालों के सारे के सारे मंसूबे धरे के धरे रह जाएंगे।शहर की पुलिस के इस अनोखे अंदाज की पटकथा को थानों से चौकी तक एक सूत्र में पिरोने का फरमान शुक्रवार की सुबह जारी किया गया है। यदि आप भी पुलिस के इस नए प्रयोग को सुनेंगे तो सलामत महसूस करेंगे।
17 नवम्बर के पहले किसी दिन भी अयोध्या राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है और इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश योगी सरकार और प्रदेश शासन ने सभी जिलों को कानून व्यवस्था को नियंत्रण में रखने की एडवाइजरी जारी की है। उत्तर प्रदेश में अयोध्या के साथ मेरठ और कानपुर शुरू से साम्प्रदायिक तनाव के लिए बदनाम रहे है और कोई छोटी से छोटी घटना इन शहरों में विकराल रूप न ले इसकेलिए सरकार की तरफ से विशेष तौर पर आदेश जारी किए गए है।


कानपुर शहर में पिछले एक सप्ताह से पुलिस को चौकन्ना बनाने के लिए मीटिंग और इंटेलिजेंस का सहारा लिया जा रहा है। इसी में कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव ने असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए नायाब तरीका खोजा है। घनी और मिश्रित आबादी वाले सभी क्षेत्रों की पुलिस चौकियों में पुलिस को पांच पांच घरों को चिन्हित करने का काम दिया गया है। जैसे किसी हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र में यदि मुसलमानों के घर है तो वहाँ के पांच प्रतिष्ठित लोगो के साथ पुलिस कर्मी बराबर संपर्क में रहेंगे और उन पांचों लोगो पर इस बात की जिम्मेदारी दी गई है कि दूसरे सम्प्रदाय के परिवार के साथ यदि कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी उसके ऊपर होगी साथ ही वो पुलिस को असामाजिक तत्वों के विषय में भी सूचित करता रहेगा। इसी तरह शहर में कई इलाके ऐसे भी है जिनमे मुस्लिम आबादी ज्यादा है और हिन्दू परिवारों के कुछ लोग ही रहते है तो इन क्षेत्रों में भी पांच पांच प्रतिष्ठित और भौकाली मुस्लिम लोगों को पुलिस ने हिंदुओं की जिम्मेदारी सौंपी है। इस पूरी कवायद से पुलिस की मंशा है कि इससे साम्प्रदायिक तनाव की स्थित में पुलिस के पास सबसे पहले सूचना पहुँचेगी और पुलिस का तंत्र मजबूत होगा यही नहीं उन असामाजिक तत्वों पर सीधी नजर रहेगी जो मौके का फायदा उठाकर समाज मे तनाव फैलाने की फिराक में रहते है। हालांकि इस नए पुलिसिया प्लान का जमीनी स्तर पर प्रयोग होना बाकी है लेकिन इस नए अंदाज की तारीफ कई जिलों में हो रही है और यदि ये सफल हुआ तो इसके और जिलों में लागू होने की संभावना है।