प्रदेश वासियों की सेहत होगी दुरस्त अब मिलेगा गाय का शुद्ध दूध
कन्नौज मे शुरू होगा कल से पराग का काऊ मिल्क प्लांट
200 करोड़ की लागत से बना है 1 लाख लीटर उत्पादन प्रतिदिन क्षमता का प्लांट
विवेक भदौरिया निशंक न्यूज़
कानपुर, पराग दूध डेयरी का काउ मिल्क प्लांट बनकर तैयार हो गया है। गुरुवार से प्रदेश वासियों को काउ का शुद्ध दूध पीने को मिलेगा। इसके साथ ही गाय के दूध से बने अन्य प्रोडक्ट छेना, पेड़ा, मठ्ठा जैसे अन्य खाद्य पदार्थों का भी स्वाद चखने को मिलेगा। वर्ष 2013 के बाद से बदहाली के कगार से जूझ रही डेयरी को कन्नौज के ब्लॉक उमर्दा क्षेत्र के बढंपुर मे बने प्लांट से नयी ऑक्सीजन मिलेगी। इससे हजारों लोगो को रोजगार मिलेगा और प्रदेश वासियों की सेहत भी दुरस्त होगी। पराग के महाप्रबंधक टी टी रेड्डी ने बताया कि 14 जनपदों से गाय का दूध यहां आएगा इससे हजारों किसानों को फायदा होगा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार भी मुहैया होगा।
ये बनेंगे उत्पाद
काऊ मिल्क प्लांट में गाय के दूध से घी, खोया, छेना, बटर, घी बनेगा। इससे गाय पालकों
की संख्या बढ़ने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। दूसरी ओर गाय के दूध और उससे बने उत्पाद बाजार में आसानी से मिल जाएंगे।
इन जिलों के दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा लाभ
कन्नौज के अलावा यूपी के मथुरा, फिरोजाबाद, आगरा, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, हमीरपुर, कानपुर नगर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, बरेली, हाथरस और बुलंदशहर के दुग्ध उत्पादकों को फायदा मिलेगा। यहां के लोग गाय का दूध प्लांट के लिए भेज सकेंगे।”
डेनमार्क और नीदरलैण्ड से आईं मशीनें
दूध किस मवेशी का है इसकी जांच करने के लिए पीसीआर मशीन लगी है, यह डेनमार्क से आई है। मशीन की खास बात है कि डीएनए वेस्ड है जो पता लगाएगी कि गाय का दूध किस रेशियो में है। यूएचटी मशीन नीदरलैण्ड से आई है। इसके अलावा फ्रांस से थीमोनियर पैकिंग मशीन को लाया गया है, यहां से पैकिंग होने वाला दूध 90 दिन तक चलेगा। ट्रैक्टा पैकिंग मशीन आ गई है लेकिन उसे स्थापित किया जाना है।”
पांच लीटर की भी होगी पैकिंग
दूध की पैकिंग के लिए मशीनें लग चुकी हैं। पांच लीटर और आधा लीटर की पैकिंग होगी। इसके अलावा हम लोग एक लीटर और 250 मिली में भी दूध को पैक कर सकेंगे। क्रेट वाशर में दूध जाएगा, उसके बाद पैक होगा। इसके अलावा कोल्ड रूम भी बना है। वहीं, बटर की बल्क पैकिंग 20 किलो की होगी और पाउच में भी घी पैक होगा। इतना ही नहीं, 15 लीटर का घी भी पैक करने की व्यवस्था है।”