आसमान से गिरे और खजूर में अटके अजीत पवार

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निशंक न्यूज ब्यूरो

तीन दिन पहले महाराष्ट्र की सत्ता की चाबी अपने पास रखने वाले अजीत पवार के लिए आगे की राह अब इतनी आसान नहीं दिख रही है। बगावती तेवर अख्तियार करने वाले अजीत पवार को शायद ही अब किसी महत्वपूर्ण पद से नवाजां जाए। हलांकि इस पूरे मामले में कांग्रेस और शिवसेना के साथ साथ चाचा शरद पवार से किसी तरह का बयान तो सामने नहीं आया है जिसमें अजीत पवार के साथ अंदेखी की बात सामने आए लेकिन राजनीतिक पंड़ितों के अनुसार अजीत पवार को अब किसी बड़े ओहदे से अलग रखकर उनको हासिए में डाला जा सकता है।

अजीत पवार ने बुद्धवार को एक बयान में कहा कि उनको किसी पद की लालसा नहीं है और किसको कौन सा पद दिया जाए ये उधव ठाकरे और शरद पवार ही तय करेंगे। उनकी इस बात से राजनीतिक जानकार ये मान रहे है कि शरद पवार इस बार भतीजे अजीत पवार की जगह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कद्देवार नेता जयंत पाटिल को उपमुख्यमंत्री की जगह दे सकते है। चार दिन पहले जिस तरह से राज्य में राजनीतिक घटना क्रम में एकाएक परिवर्तन हुआ था उसके बाद जंयत पाटिल पार्टी के अंदर तेजी से उभरे है और इसके बाद ही ङनको पार्टी के विधानमंडल दल का नेता बनाया गया है।

हलांकि इस सब कयासो के बीच एनसीपी पार्टी के एक अन्य नेता सुनील तत्कारे  ने आज मीडिया से बात के दौरान कहा कि अजीत पवार आज भी पार्टी के प्रभावशाली नेता के रुप में मौजूद है और उनके उपमुख्यमंत्री बनने में कोई अड़चन नहीं है। इन सब कयासो के बाद भी ये कहना मुश्किल है कि राजनीति के खिलाड़ी शरद पवार अजीत पवार को कितनी तवज्जों देते हैं।