आखिर कैसे अशफ़ाक़ ने लिया कमलेश से भस्मासुर का वरदान!

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विकास वाजपेयी
हिन्दू समाज पार्टी के कर्ताधर्ता कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या की योजना कोई एक दिन के जेहादी क्रोध के कारण नहीं हुई थी। इसके पीछे शातिरों की एक पूरी जमात की काफी लंम्बी और सोची समझी रणनीति का खेल था।
हत्या के बाद एक बेहद नया खुलासा सामने आया है, इसके तहत आओ भी शातिरों की टीम के धैर्य का लोहा मान जाएंगे। करीब एक साल पहले अशफ़ाक़ ने रोहित नाम से एक फेक फेसबुक आईडी बना कर कमलेश से नजदीकियां बड़ाई और धीरे धीरे वो कमलेश के काफी करीब पहुँच गया।
अशफ़ाक़ कमलेश का विश्वास जमने का इंतजार कर रहा था। शातिरों ने विश्वास इतना प्रगाण कर लिया कि कमलेश को रोहित यानी अशफ़ाक़ की बातों पर भरोसा जम गया और अभी कुछ समय पहले अशफ़ाक़ को कमलेश ने एक बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उसको सूरत आईटी सेल का प्रमुख बना डाला।
पहले तो अशफ़ाक़ कमलेश तिवारी को धोखे से गुजरात मे एक कार्यक्रम के सिलसिले में बुला कर वही उसकी हत्या की योजना गढ़ रहा था लेकिन लगभग 15 दिन पहले उसने योजना को पूरी तरह बदल दिया और इसके लिए हत्या में शामिल पूरी टीम ने लखनऊ में हत्या का प्रोग्राम सेट कर दिया।
कमलेश के करीबियों का कहना है कि संगठन को बहुत तेजी से गति देने के चक्कर मे कमलेश लोगो पर आसानी से विश्वास करते चले गए और इसी का परिणाम है कि अशफ़ाक़ ने कई दूसरी जेहादी सोच के लोगो के साथ मिलकर पहले नजदीकियां बढ़ाई और फिर मौके का फायदा उठाकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दे दिया