अब सिंचाई में 50 प्रतिशत कम खर्च होगा पानी

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शहर की वी के पेकवेल ने विकसित की तकनीक

सीएसए करेगा कंपनी के उत्aपादों का परीक्षण

निशंक न्यूज।

कानपुर। गिरते भूगर्भ जल स्तर और बढ़ती सिंचाई लागत से शहर समेत आसपास के किसानों को अब मिलेगी राहत। कृषि संबंधी उपकरण बनाने वाली वी के पेकवेल ने स्वदेशी तकनीके माध्यम से किसानों के लिए स्मार्ट इसीगेशन सिस्टम विकसित किया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक वी के गुप्ता ने शुक्रवार को गैजेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि कंपनी ने बहाव सिंचाई पद्धति से होने वाली पानी की बर्बादी और ईधन के खर्च को कम करने के उद्देश्य से रेन इरीगेशन की नई तकनीक विकसित की है, जिसमें प्लास्टिक के पाइपों के माध्यम से पौधों की पत्तियों समेत जड़ों तक पानी सुगमता से पहुंचाया जाता है। इस सिस्टम को रेन इरीगेशन सिस्टम नाम दिया गया है। अभी कंपनी के सारे उपकरण एमाजान डाट काम के माध्यम से बिक रहे हैं। यह उपकरण 500 वर्ग मीटर के खेत पर साढ़े पांच हजार की लागत में काम करना शुरू कर देता है। यह केवल एकबार आने वाला खर्च होगा लेकिन इसके बाद किसान भाईयों को प्रति उपज लागत में 50 से 60 प्रतिशत खर्च की बचत देने के साथ बहुमूल्य भूगर्जल की भी बचत करेगा। यह सिस्टम पूरी तरह से एचडीपीई प्लास्टिक से बना है जो की बहुत लंबी जीवन अवधि वाली होती है।

ड्रिप इरीगेशन से बेहतर है तकनीक

कंपनी के प्रबंध निदेशक वी के गुप्ता ने बताया कि रेन इरीगेशन तकनीक ड्रिप इरीगेशन तकनीक से बिल्कुल अलग और ज्यादा असरदार है। इसमें पाइपों में माइक्रों स्पोर तकनीक से छेद बनाए जाते हैं जो पानी को वर्षा की बूंदों की तरह सतह से 6 फुट ऊपर तक फेंकते हैं। खासबात यह है कि इस तकनीक से बने उपकणों से सिंचाई में फसल को कोई नुकसान नहीं होता है साथ ही इसके पाइपों में भी गंदगी फंसने का भी डर नही होता है।

कीटनाशक का छिड़काव कर बढ़ाएगा आमदनी

कंपनी के अधिकारियों ने पत्रकारवार्ता में यह भी दावा किया कि रेन इरीगेशन तकनीक के उपकणों में वेंट्यूरी ट्यूब लगाकर इसमें पानी के साथ कीटनाशक का छिड़काव भी किया जा सकता है। इससे लेबर लागत में कमी आएगी और किसान भाइयों की कमाई बढ़ेगी।

पानी बचाने में बहुत कारगर है यह उपकरण

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिमल हुए चंद्रशेखऱ आजाद कृषि विश्वविध्यालय के वीसी सुशील सोलोमन और संयुक्त निदेशक कृषि डी पी सिंह ने कंपनी के उपकणों को देखकर कहा की कंपनी के उत्पाद पूरी तरह से पेटेंट होने के साथ-साथ तकनीकी और गुणवत्ता के स्तर पर भी किसान भाइयों के लिए लाभप्रद सिद्द होंगे। जल्द ही कंपनी के उपकणों को संस्थान के शाकभाजी विकास विभाग में लगवाकर उन उत्पादों की अन्य खूबियों को जांचकर सामने लाया जाएगा।