अब गुरुजनों के सम्मान में शिष्य उतरे मैदान में !

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विकास वाजपेयी
वैसे तो शिक्षक हमेशा से अपने शिष्यों के भविष्य के प्रति सचेत और जागरूक रहते है लेकिन जब मामला शिक्षकों के हित का मामला सामने हो तो फिर शिष्य उनको अकेला कैसे छोड़ सकते है। ऐसा ही मामला देखने को मिला गबरू कोतवाली क्षेत्र में जब अंशकालिक शिक्षकों को वेतन की मांग करने के लिए धरना देना पड़ा लेकिन जब उनकी मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया तो कॉलेज के छात्र उनके साथ मैदान में उतर गए और सड़क जाम करके धरना दिया। प्रबंधक के मांगे मानने के बाद ही सभी ने धरना शांत किया।
ग्राम बेर्राव कैलाशपति इंटर कॉलेज में अंशकालिक रूप से 23 शिक्षक पढा रहे है। अक्टूबर माह का मानदेय न मिलने से नाराज शिक्षकों ने शुक्रवार को शिक्षण कार्य बंद कर दिया और कोई भी अध्यापक अपने कक्षों पर पढ़ाने नहीं पहुंचा जैसे ही इस प्रकरण की जानकारी विद्यालय के छात्रों को लगी तो छात्रों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए बबेरू कमासिन मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया और मांग करने लगे की प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 25 अक्टूबर तक सभी का वेतन दिए जाने की बात कही तो शिक्षकों का वेतन क्यों नहीं दिया गया वेतन न मिलने से अध्यापकों ने शिक्षण कार्य बंद कर दिया जिससे सभी छात्रों का भविष्य अंधकार में है । इन लोगों ने मांग की कि शिक्षकों का वेतन तत्काल दिया जाए इस बात की सूचना उप जिलाधिकारी व पुलिस प्रशासन को मिली तो भारी संख्या में पुलिस बल और उप जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार जितेंद्र सिंह को मौके पर भेजकर मामले को संज्ञान में लेते हुए छात्रों को समझाने का प्रयास किया लेकिन छात्र शिक्षको के वेतन पर अड़े रहे पुलिस व नायब तहसीलदार ने छात्रों को समझाया कि शिक्षकों का वेतन शीघ्र दे दिया जाएगा । वेतन पर विद्यालय के प्रधानाचार्य कृष्णा अवतार द्विवेदी ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा फीस लेने पर रोक लगा दी गई है अभिभावक संघ की बैठक करा कर शिक्षकों का अक्टूबर माह का वेतन दिया 2 व 3 नवम्बर तक दे दिया जाएगा । तब कही कि 2 घण्टे बाद जाम खुुला और छात्र व शिक्षक कक्षा में शिक्षण कार्य करने पहुंचे और रास्ते का आगमन शुरू हुआ तब कहीं जाकर शासन व प्रशासन ने राहत की सांस ली।