अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दोमुंहा सांप की क्यों करोड़ों में होती है कीमत !

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भारत देश में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) 1972 के तहत संरक्षित दोमुंहा सांप का इस्तेमाल विशेषरूप से तंत्र मंत्र में किया जाता है.हालाकि इसको बहुत से चीज़ों में प्रयोग किया जाता है!

प्रभात त्रिपाठी

निशंक न्यूज़ nishanknews.com

भारत देश में संरक्षित दोमुंहा सांप (double-faced snake ) की अंतरराष्ट्रीय बाज़ार (international market) में बहुत ज्यादा डिमांड है. जहां इसकी कीमत करोड़ों में बतायी जाती है. राजस्थान के मरूस्थीय इलाकों में सबसे आधिक पाये जाते है कई मरूस्थीय इलाकों पाये जाने वाले दोमुंहा सांप का वैज्ञानिक ने नाम रेड सेंड बोआ स्नेक रखा है. इस सांप से जुड़े कुछ रीतियों में विश्वास न करने  रूढ़ियों के चलते बहुत बड़े पैमाने पर इसकी स्मगलिंग होती है. अंतरराष्ट्रीय डिमांड के चलते इस सांप को विदेशों में 3 करोड़ से लेकर 25 करोड़ रुपए तक की कीमत में इसको बेचा जाता है


एक रिपोर्ट के आकड़ो के अनुसार, दोमुंहे सांप का इस्तेमाल विशेषरूप से तंत्र मंत्र की क्रियाओं में किया जाता है. वहीं कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि इन सांप को खाने से शारीरिक शक्ति और यौन शक्ति में बढ़ोतरी होती है. साथ ही एड्स जैसी खतरनाक बीमारी का भी इलाज इससे संभव है. हालांकि ऐसा होने के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं हैं. लेकिन ऐसी किदवंतियों के चलते बड़े पैमाने पर इनकी तस्करी की जाती है.
दोमुंहे सांप का मांस खाने से खास बीमारियों का इलाज
मध्य एशिया के देशों में ऐसी मान्यता भी मानी जाती है कि दोमुंहे सांप का मांस खाने से व्यक्तियों की बीमारी ठीक हो जाती है. यहां ऐसा भी माना जाता है कि ऐसे सांपों के सेवन से पुरूषों की जवानी मौत होने तक बनी रहती है. इसके अलावा कुछ आदिम कबीलों की ऐसी भी मान्यता है कि इस सांप से सर्वशक्तिमान ईश्वरीय ताकत को भी अपने नियंत्रण में किया जा सकता है.और भी कई प्रकार की मान्यताये मानी जाती है
चीनी की मान्यताये


वहीं चीनी मान्यताओं के अनुसार दोमुंहे सांप को खाने से सेक्स में ज्यादा पावर बढ़ती है. साथ ही मलेशियन लोगों की यह भी मान्यता है कि जिसके पास दोमुंहा सांप होता है उसका भाग्योदय हो जाता है. दोमुंहा सांप भारत सहित ईरान और पाकिस्तान में पाया जाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार यह शर्मिला सांप है, जो केवल रेतीली मिट्टी में ही आधिक पाया जाता है.
मनुष्यों के लिए नहीं है खतरा
यह सांप मनुष्यों से दूर भागता है. और भोजन में चूहे, कीड़े-मकोडे तथा छोटे जानवरों के शिकार पर निर्भर रहता है. इस सांप से मनुष्यों के लिए कोई भी खतरा नहीं होता है. अभी तक मनुष्यों को कटने का कोई मामला सामने नहीं आया है. वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट के अनुसार यह सांप शांत प्रवृति का होता है. जिसमें जहर की मात्रा न के बराबर होती है. और ये किसी भी प्रकार की हानि नही पहुचाता है !

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित होने के बाद, इसके पाए जाने पर वन विभाग को जानकारी देना अनिवार्य है. जहां इस सांप का डॉक्युमेंटेशन होता है. इस सांप को मारना और तस्करी करना कानूनन अपराध है. फिर भी इस दोमुंहा सांप रेट कार्ड कुछ इस प्रकार से है 250 ग्राम का बोआ 2-5 लाख रुपया में, जबकि 500 ग्राम का 8-10 लाख रुपये में बिकता है। एक किलो के बोआ की कीमत एक करोड़ रुपये तक हो सकती है, जबकि दो किलो का बोआ 3-5 करोड़ रुपये में बिकता है।